संन्यासी से CM तक का सफर, जानिए कैसे यूपी की सियासत में रसूखदार चेहरा बना एक मठ का महंत

देश
किशोर जोशी
Updated Jun 05, 2021 | 08:53 IST

Yogi Adityanath Birthday: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए योगी आज राजनीति में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।

Yogi Adityanath Birthday, Know how the Mahant of a monastery became a prominent face of UP politics
जानिए कैसे UP की सियासत में रसूखदार चेहरा बना एक मठ का महंत 
मुख्य बातें
  • जब PMO ने वापस ले लिया था योगी पासपोर्ट, तो दिल्ली से वापस गोरखपुर आ गए थे आदित्यनाथ, फिर..
  • यूपी ही नहीं आज देश की राजनीति में एक अहम चेहरा बन चुके हैं योगी
  • एक इंटरव्यू के दौरान योगी ने साझा किया सीएम बनने का दिलचस्प किस्सा

लखनऊ: यूपी ही नहीं देश की सियासत में अपनी एक अलग पहचान बना चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 49वां जन्म दिन है। महज 26 साल की उम्र में लोकसभा के जरिए संसद तक पहुंचने वाले योगी के सियासी सफर पर नजर डाले तो यह किसी रोचक कहानी से कम नहीं है। 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में जन्मे अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की है और इसी दौरान वह गोरक्षापीठ के मंहत अवैद्यनाथ जी के संपर्क में आए जिन्होंने पहली ही नजर में योगी की क्षमता को भांपते हुए उन्हें अपना शिष्य बना लिया और फिर बाद में योगी ने बिना मां-पिता को बताए हुए गोरखपुर जाकर सन्यास धारण कर लिया और अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बन गए।

बने गोरखनाथ मठ के महंत

सन्यास लेने के करीब चार साल बाद अवैद्यनाथ ने योगी को अपना उत्तराधिकारी बना लिया और इस तरह योगी गोरखनाथ मठ के मंहत बन गए। महज 26 साल की उम्र में 1998 में वह गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे। इसके बाद वह लगातार 2017 तक पांच बार यहां से सांसद रहे। पूर्वांचल की कई अन्य सीटों पर भी उनका रसूख बनते चला गया। बाद में उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया।

2017 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने यूपी में प्रचंड जीत हासिल की तो सीएम पद के कई दावेदारों के नामों की चर्चा हुई और अनंत:  बाजी लगी योगी के हाथ। पीएम मोदी और तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने योगी को यूपी की कमान सौंपी तो हर कोई हैरान भी रह गया, क्योंकि योगी के नाम की पहले काफी कम चर्चा हो रही थी।

योगी ने खुद बताया सीएम बनने का किस्सा
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में योगी ने खुद अपने सीएम बनने की कहानी बयां की। योगी ने कहा, 'मैंने कभी उम्मीद नहीं थी कि मैं यूपी का सीएम बनूंगा, और ना ही किसी दौड़ में मैं शामिल था। रिजल्ट के एक दिन पहले मुझे विदेश जाना था। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा जी का कॉल आता है कि आपको एक डेलीगेशन के साथ विदेश जाना है वहां आपकी बड़ी डिमांड है। तब मैंने कहा कि मैं विदेश दौरे पर बहुत जाता नहीं हूं, तो उन्होंने कहा कि पोर्ट ऑफ लुइस में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।

जब पीएमओ ने वापस ले लिया पासपोर्ट
योगी इंटरव्यू में आगे बताते हैं, '11 मार्च को नतीजे आने थे तो 10 मार्च को मुझे सूचना मिली की पीएमओ ने मेरी पासपोर्ट वापस ले लिया है। इसके बाद अगले दिन मैंने गोरखपुर की टिकट बुक की और वापस आ गया.. 17 मार्च को उनका (पीएम) का फोन आता है कि कहां हैं? मैंने कहा मैं तो गोरखपुर हूं, तो उन्होंने कहा कि कैसे तुरंत आ सकते हैं, मैंने कहा अभी तो आ नहीं सकता हूं क्योंकि 6 बज चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुबह आपके लिए चार्टर प्लेन भेज रहा हूं, अगले दिन मैं उससे दिल्ली चला गया। जैसे ही गया तो उन्होंने कहा तो उन्होंने कहा कि आप सीधे लखनऊ चले जाइए आपको शपथ लेनी है, मैंने कहा कि काहे की तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीएम की।'

योगी की लोकप्रियता में आया उछाल
शुरूआत में कानून संबंधी लिए गए योगी के फैसलों से यूपी में इनामी बदमाशों ने खुद थाने जाकर सरेंडर किया तो उनके फैसलों की तारीफ होने लगी। इसके बाद चाहे एंटी रोमियो स्काड हो या फिर एनकाउंटर, उनके फैसलों पर उंगुली भी उठी लेकिन योगी का इस पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा।  तमाम आलोचनाओं के बावजूद भी तमाम टीवी सर्वे में भी उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। आज योगी ने खुद को एक हिंदुत्व के चेहरे के रूप में ऐसे पेश किया जो यूपी ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी रसूखदार चेहरा बन चुके हैं।

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