नई दिल्ली: असम के दरांग जिले में गुरुवार को बेदखली अभियान के दौरान पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। इस पूरे मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने असम की हेमंत बिस्वा सरकार पर हमला बोलेते हुए सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई को 'राज्य प्रायोजित आग' कहा। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'असम राज्य प्रायोजित आग पर है। मैं राज्य में अपने भाइयों और बहनों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं। भारत के किसी बच्चे के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।
असम के दरांग जिले के ढोलपुर में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई है। दरांग जिले के सिपाझार में अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस की कार्रवाई के बीच हिंसक झड़प ती तस्वीरें सामने आई थीं। वीडियो में दिखा था कि अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर अचानक से कुछ लोग लाठी डंडों के साथ हमला करते हैं। उसके बाद पुलिस की तरफ से फायरिंग की जाती है, इस फायरिंग में ही दो लोगों की मौत हो गई है।
पुलिस की फायरिंग और फायरिंग के बाद डेड बॉडी पर एक लोकल फोटोग्राफर के कूदने को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। कैमरामैन बिजॉय बोनिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं कल देर शाम राज्य सरकार ने घटना की जांच गुवाहाटी हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने का ऐलान किया है। अधिकारियों ने कहा कि बंगाली भाषी मुसलमानों के लगभग 800 परिवार कई वर्षों से लगभग 4,500 बीघा (602.40 हेक्टेयर) सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे थे और सरकार ने हाल ही में बसने वालों को हटाकर भूमि का उपयोग कृषि उद्देश्यों के लिए करने का निर्णय लिया।
राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने पुलिस फायरिंग के 'बर्बर कृत्य' की निंदा करते हुए कहा, "बेदखली का कार्य अपने आप में अमानवीय है, खासकर कोविड की स्थिति के दौरान। सुप्रीम कोर्ट ने भी महामारी के दौरान बेदखली के खिलाफ एक निर्देश दिया था, फिर भी असम सरकार 1970 के दशक से इस क्षेत्र में रह रहे निवासियों को बेदखल करने के लिए एक निरंकुश तरीके से व्यवहार कर रही है।"
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