केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसएसबी के जवानों के साथ रात्रि भोजन किया। उन्होंने कहा कि मैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता था। इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया और आज का रात्रि विश्राम भी कैम्प में जवानों के साथ करूंगा।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंपस में 'सैनिक सम्मेलन' को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे तब भारत कहां होगा, ये वर्ष इसके लक्ष्य तय करने का वर्ष है। आज मैं आपको कोई लक्ष्य देने नहीं आया हूं, लेकिन इन लक्ष्यों की पूर्ति तभी हो सकती है जब हम अपने देश को नापाक दृष्टि से देखने वालों से इसे सुरक्षित कर लें और ये काम CAPF ही कर सकती है।
मोदी सरकार ने CAPF के जवानों व उनके परिवार के लिए ढ़ेरों काम किए हैं। हमने आयुष्मान CAPF कार्ड शुरू किया है,और मेरा आग्रह है कि हर जवान को दो कार्ड दिए जाएं, एक वो अपने पास रखे और दूसरा उसके परिवार के पास रहे। सुरक्षाबलों के परिवार की चिंता हमारी जिम्मेदारी है। जब हमारे देश के किसी भी प्रदेश में कोई हिंसा या घटना होती है तो वहां के मुख्यमंत्री सबसे पहले CRPF की रैपिड एक्शन फोर्स मांगते हैं, यह CRPF की विश्वसनीयता को दिखाता है। हमें इस परंपरा को और आगे बढ़ाना है।
जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी जो पहले आम बात थी आज अदृश्य हो गई है। आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। हम आतंकवाद को सहन नहीं कर सकते हैं। कश्मीर की जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। देश हित में धारा 370 हटने के बाद घाटी में हिंसा की अटकलें लगाई जाती थी, लेकिन CRPF की मुस्तैदी के कारण कहीं पर किसी को एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी ये हम सभी के लिए बहुत गर्व का विषय है। आपकी मुस्तैदी के कारण ही बिना रक्तपात के आज जम्मू-कश्मीर में विकास के नए युग की शुरुआत हुई है।
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