नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में कहा कि आज मैं आपसे खुलकर बात करना चाहता हूं, इसलिए यहां कोई बुलेट प्रूफ या सुरक्षा नहीं है। फारूक साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने का सुझाव दिया है लेकिन मैं घाटी के युवाओं और लोगों से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ताने सुनाए गए, बहुत कोसा गया है। मेरी खूब आलोचना हुई है। मैंने आज ही अखबार में देखा कि फारूक साहब ने मुझे सलाह दी है कि भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? जिन्होंने आपके हाथ में हथियार पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? POK आपके नजदीक है, वहां पूछिए कि गांव में बिजली आई, अस्पताल है, मेडिकल कॉलेज बन रहा है क्या? गांव में पीने का पानी आता है क्या? महिलाओं के लिए शौचालय बना है क्या? वहां कुछ नहीं हुआ है और ये लोग पाकिस्तान की बात करते हैं।
शाह ने कहा कि मैं आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? जिन्होंने आपके हाथ में हथियार पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? आप सब अपने दिल में से खौफ और डर निकाल दीजिए। कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में अब कोई खलल नहीं डाल सकता।
अमित शाह ने कहा कि 20,000 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है, और 6,000 लोगों को आज नौकरी मिलने वाली है। ये सभी भर्तियां पारदर्शी तरीके से की गई हैं। सही कौशल वाले लोगों को बिना भाई-भतीजावाद के काम पर रखा गया है। आज 30,000 लोग लोकतांत्रिक तरीके से कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधि बन गए हैं। मैं कश्मीर के युवाओं से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में शामिल होने और कई स्तरों पर जनप्रतिनिधि बनने का आह्वान करता हूं।
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