नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अयोध्या में बन रही है नई मस्जिद को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि जिस जगह पर नई मस्जिद बनाई जा रही है वहां नमाज पढ़ना हराम है। ओवैसी के इस बयान पर विभिन्न धार्मिक गुरुओं ने नाराजगी व्यक्त की है और कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट पर प्रश्न चिह्न लगाने जैसा है।
क्या कहा ओवैसी ने
ओवैसी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद की जगह पर पांच एकड़ जमीन लेकर मस्जिद बना रह हैं और एक मुजाहिदे-आजादी अहमदुल्ला का नाम रखना चाहते हैं। ऐ जालिमों चुल्लू भर पानी में डूब मरो, डूब मरो.. अगर वो जिंदा होते तो वो भी कहते कि कि... मैंने हर मजहब के उलेमाओं से पूछा, मुफ्तियों से पूछा जिम्मेदारों से पूछा.. हर किसी ने कहा कि उस मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है। जिस जगह को बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद पांच एकड़ की जमीन पर मस्जिद बनाई जा रही है उसमें नमाज पढ़ना हराम है।'
नमाज पढ़ना और चंदा देना हराम
ओवैसी यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, 'मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीकत में वो मस्जिद नहीं बल्कि 'मस्जिद-ए-ज़ीरार' है। मुहम्मदुर रसूलुल्लाह (PBUH) के ज़माने में मुनाफ़िकों ने मुसलमानों की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी। हकीकत में उसका मक़सद उस मस्जिद में नबी (PBUH) का खात्मा और इस्लाम को नुकसान पहुँचाना था, (क़ुरान में उसे 'मस्जिद -ए- ज़ीरार' कहा गया है) ऐसी मस्जिद में नमाज़ पढ़ना और चंदा देना हराम है।' इससे पहले ओवैसी ने राम मंदिर के भूमि पूजन के समय कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी।
कोर्ट के आदेश के बाद बन रही है मस्जिद
आपको बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने के बाद मुस्लिम समाज को मिली 5 एकड़ जमीन पर गणतंत्र दिवस के मौके पर मस्जिद की नींव रखी गई है। इस मस्जिद को धनीपुर गांव में बनाया जा रहा है जिसका नाम स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर रखने की बात कही जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए मिली पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के अलावा अस्पताल, पुस्तकालय और सांस्कृतिक रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा।
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