नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में ममता बनर्जी को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने चुनाव के बाद हुई हिंसा में हत्या और रेप की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा बंगाल में चुनावी हिंसा के बाद हुई दूसरी घटनाओं की जांच SIT करेगी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि CBI और SIT की जांच की निगरानी हाई कोर्ट खुद करेगा और राज्य सरकार को सारे दस्तावेज CBI को सौंपने को कहा है। SIT की टीम को सुमन बाला, सौमेन मित्रा, रणवीर कुमार हेड करेंगे। कोर्ट ने CBI से 6 सप्ताह के भीतर स्टेसस रिपोर्ट भी मांगी है।
इस पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आप सभी को ज्ञात होगा कि कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा पर एक अहम फैसला दिया है। ये फैसला 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ ने दिया है। इसमें एक विशेष बात ये भी है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के पांचों जजों ने एकमत से कहा है कि जिन निर्दोष लोगों ने उत्पीड़न सहा, जिनके परिजनों को मार दिया गया, जिन महिलाओं ने अस्मिता खोई है, उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए, ये इंसाफ निष्पक्ष जांच के बाद ही संभव है।
उन्होंने कहा, 'बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई, हत्या को ममता बनर्जी नहीं रोक पाईं, उसके बाद लोगों को इंसाफ दिलाने में भी ममता जी विफल रहीं। पश्चिम बंगाल वो प्रदेश बन गया है, जहां वर्दी का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई जांच करेगी और अभी तक जो भी सबूत इकट्ठे किये गए हैं, वो सब CBI को दे दिए जाएंगे। एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और बना दी गई है, जो हत्या और महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों से अलग हिंसा के मामलों की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में ये सब किया जाएगा।'
भाटिया ने कहा कि हमारे जो भाई बहन पश्चिम बंगाल में हैं, हम उन्हें ये संदेश जरूर देना चाहेंगे कि उनको इंसाफ मिले ये हमारी प्राथमिकता है। जब तक आपको इंसाफ नहीं मिलता तब तक भाजपा हर उस परिवार और पीड़ित के साथ खड़ी है, जिसके साथ TMC के गुंडों ने और ममता बनर्जी ने अन्याय किया है।
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