Coal Crisis:कोयले के गहराते संकट पर गृह मंत्री अमित शाह की अहम बैठक, केंद्रीय मंत्री समेत कई अधिकारी शामिल-VIDEO

देश
रवि वैश्य
Updated Oct 11, 2021 | 18:16 IST

Coal Crisis Update: देश में कोयला संकट को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें उर्जा और कोयला मंत्री पहुंचे, सरकार इस मामले को लेकर खासे अलर्ट मोड में है।

Coal Crisis in India
कोयले के गहराते संकट पर गृह मंत्री अमित शाह की बैठक 

Amit Shah's Important Meeting on Coal Crisis: कोयला संकट पर गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभाल ली है, इस अहम मसले पर मंत्रियों की मीटिंग बुलाई गई है जिसमें NTPC के अफसर भी मौजूद रहे। सोमवार को ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी इस मुद्दे पर मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालयों के अफसर भी मौजूद थे इस अहम बैठक में एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

बताया जा रहा है कि दिल्ली, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक की सरकारों ने केंद्र को बिगड़ते हालात पर चेतावनी दे दी है। यही नहीं केरल, महाराष्ट्र ने तो नागरिकों से अपील की है कि वह बिजली की सावधानी से खपत करें। 

वहीं संडे को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति बनाए रखने की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।

इस आशंका के बीच कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा  है 'हम अचानक देश के पॉवर प्लांट में कोयला आपूर्ति के संकट की बात सुन रहे हैं। क्या एक खास निजी कंपनी इस संकट का फायदा उठा रही है। इसकी जांच कौन करेगा।' वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है "पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की कीमत। कोयले की आपूर्ति में भारी किल्लत कर दी है। साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी। संशोधन के बाद साहेब और 'उनके मित्र' मनमर्जी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे।'

"केंद्र बिजली उत्पादन में कमी के मुद्दे से भाग रहा है"

वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोयला संकट को लेकर केंद्र पर आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि केंद्र बिजली उत्पादन में कमी के मुद्दे से भाग रहा है।उपमुख्यमंत्री ने कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान ऑक्सीजन संकट का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हमेशा वास्तविक मुद्दों की उपेक्षा करती है।उन्होंने कहा, "कोयले की स्थिति ऑक्सीजन संकट के समान है। हालांकि, केंद्र इसे स्वीकार नहीं करेगा।"

'कोयले की कमी होने से उत्तर प्रदेश में बिजली प्लांटों ने काम करना बंद कर दिया है'

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी पहले ही इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं।' देश में कोयले की कमी होने से उत्तर प्रदेश में बिजली प्लांटों ने काम करना बंद कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार इस ओर आंखें मूंद रही है।'

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