नई दिल्ली : लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदर्शन किया है। सोमवार को सिद्धू कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस का झंडा हाथ में उठाए सिद्धू ने कहा कि 'हिम्मत से बनती हैं सरकारें, आज वे सड़कों पर दर-बदर भटक रहे हैं।' प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू पहली बार सार्वजनिक रूप से विरोध-प्रदर्शन करते नजर आए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने अभी उनके इस्तीफा पर कोई फैसला नहीं किया है। रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत हुई। हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों के लिए यूपी सरकार ने मुआवजे और सरकारी नौकरी का ऐलान किया है।
सिद्धू ने कहा कि लखीमपुर में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाहन चढ़ाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। साथ ही कांग्रेस नेता ने किसानों पर बयान के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर राजद्रेह का केस दर्ज करने की मांग की।
रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां एक जनसभा को संबोधित करने वाले थे लेकिन इसके पहले यहां हिंसा भड़क गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ने किसानों के ऊपर अपना वाहन चढ़ा दिया। लखीमपुर राजनीतिक अखाड़े का केंद्र बन गया है। विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। लखीमपुर खीरी जाने वाले नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सीतापुर के एक अतिथि गृह में रखा गया है। लखनऊ में अपने आवास के बाहर धरना दे रहे अखिलेश यादव को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।
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