राज्यसभा के लिए रंजन गोगोई के मनोनयन पर विपक्ष के सवाल, अयोध्या पर दिया है अहम फैसला

देश
आलोक राव
Updated Mar 17, 2020 | 12:01 IST

Ranjan Gogoi: सीजेआई रहते हुए रंजन गोगोई ने उन पीठों की अगुवाई की जिन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए। प्रधान न्यायाधीश रहते हुए उन पर निजी आरोप भी लगे लेकिन उन्होंने आरोप से अपने कामकाज को प्रभावित नहीं होने दिया।

Opposition raises question over nomination of Ranjan Gogoi for Rajya Sabha
राज्यसभा के लिए रंजन गोगोई के मनोनयन पर विपक्ष ने उठाए सवाल। 
मुख्य बातें
  • केंद्र सरकार ने पूर्व सीजेआई रंजन को राज्यसभा के लिए मनोनोत किया है
  • विपक्ष ने उठाया सवाल, कहा-न्यायपालिका की निष्पक्षता पर उठेगा सवाल
  • अयोध्या, सबरीमाला और राफेल मामलों पर रंजन गोगोई ने दिए अहम फैसले

नई दिल्ली : अयोध्या सहित कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को राज्यसभा का सदस्य नामित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार ने जस्टिस गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया है। पूर्व सीजेआई के इस मनोनयन पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। विपक्ष के कई सदस्यों का कहना है कि यह 'एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का मामला है।' राज्यसभा की जिस सीट के लिए रंजन गोगोई मनोनीत हुए हैं वह सीट केटीएस तुलसी के रिटायर होने के बाद रिक्त हुई है। 

जस्टिस गोगोई को राज्यसभा का सदस्य नामित किए जाने पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'यह एक दूसरे को फायदा पहुंचाने का मामला है? ऐसे होगा तो न्यायाधीशों की निष्पक्षता पर लोग विश्वास कैसे करेंगे? इससे कई सवाल उठते हैं।'

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने 'तस्वीर सबकुछ बयां करती है' नाम के टैगलाइन से दो न्यूज स्टोरीज शेयर कीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि गोगोई को राज्यसभा में नामित किए जाने से न्यायपालिका की निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न होता है। कांग्रेस नेता संजय झा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई राज्यसभा की इस सीट को 'ना' कहेंगे। अन्यथा इससे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को काफी क्षति पहुंचेगी।'

आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने सीजेआई के इस मनोनयन पर सवाल उठाते हुए कहा, 'यह केवल एक खराब उदाहरण ही पेश नहीं करेगा बल्कि न्यायपालिका की निष्पक्षता को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा।'

बता दें कि सीजेआई रहते हुए रंजन गोगोई ने उन पीठों की अगुवाई की जिन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए। प्रधान न्यायाधीश रहते हुए उन पर निजी आरोप भी लगे लेकिन उन्होंने आरोप से अपने कामकाज को प्रभावित नहीं होने दिया। उनकी अगुवाई वाली पीठ ने गत नौ नवंबर को अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस पीठ ने अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला को सौंपने का आदेश दिया। साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया। 

सीजेआई के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल 13 महीनों का रहा है। इस दौरान उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की और फैसले दिए। उनके ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर का फैसला भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान मामले पर भी फैसले सुनाए। राफेल, सबरी माला और अयोध्या मामलों पर फैसलों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

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