Vaccination Drive: विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू, पीएम मोदी बोले- दवाई और कड़ाई जरूरी

देश
किशोर जोशी
Updated Jan 16, 2021 | 11:30 IST

कोरोना के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भारत में हो चुकी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन की दो डोज लेना जरूरी है।

PM Modi launches nation-wide COVID-19 vaccination drive via video conference
वैक्सीन की दो डोज जरूरी, टीकाकरण के समय धैर्य की जरूरत: मोदी 
मुख्य बातें
  • भारत में आज दुनिया की अब तक की सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू
  • वैक्सीन की दो डोज जरूरी, टीकाकरण के समय धैर्य की जरूरत: मोदी
  • आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं- पीएम मोदी

नई दिल्ली: पूरे देश को जिस पल का इंतजार था आखिरकार वो घड़ी आ ही गई है। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत भारत में हो गई है। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, 'आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी। अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है।' 

दवाई भी, कड़ाई भी

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि टीका लगने के बाद भी कोविड की गाइडलाइंस को भूलना नहीं है। उन्होंने संदेश देते हुए काह कि 'दवाई भी , कड़ाई भी' जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।'

पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को लगेगा टीका
प्रधानमंत्री ने कहा, 'इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका।'


दुष्प्रचार से बचें
लोगों से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी।इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। हर हिंदुस्तानी इस बात का गर्व करेगा की दुनिया भर के करीब 60% बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं। भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर ही गुजरते हैं।'


वैक्सीन बहुत सस्ती

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। उन्होंने कहा, 'विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हजार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है। भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में tried और tested है। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर transportation तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।'

किया कोविड का जिक्र

कोविड के दौर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए। भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।'

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