Agriculture Bills को लेकर बोले राहुल गांधी- किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं मोदी

देश
किशोर जोशी
Updated Sep 20, 2020 | 13:17 IST

Rahul Gandhi on Fram Bills: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि बिलों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रही है।

Rahul Gandhi tweets on agriculture bills say Modi govt wanting to make the farmers slaves of capitalists
किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं मोदी- राहुल 
मुख्य बातें
  • कृषि संबंधी विधेयक लोकसभा से पारित होते ही तमाम दल कर रहे हैं इसका विरोध
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा
  • राज्यसभा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल भी कर रहे हैं इन विधेयकों का विरोध

नई दिल्ली: कृषि विधेयकों को लेकर संसद से लेकर सड़क तक घमासान छिड़ा हुआ है। पूरा विपक्ष इस बिल के विरोध में आ गया है। लोकसभा में इसके पारित होते ही एनडीए की सहयोगी अकाली दल ने सरकार से अलग होने का फैसला तक कर लिया। अब कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने इन विधेयकों को लेकर सरकार पर जबरदस्त निशाना साधा है। राहुल ने सीधे-सीधे सरकार पर आरोप लगाया है कि वो किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। दरअसल इन विधेयकों पर आज राज्यसभा में वोटिंग होनी है।

किसानों को गुलाम बना रहे हैं
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को: 1. APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? 2. MSP की गारंटी क्यों नहीं? मोदी जी किसानों को पूँजीपतियों का ग़ुलाम' बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।' इससे पहले आज राज्यसभा में कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आयी है। 

किसानों की आत्मा पर चोट है बिल- कांग्रेस

 राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं, यह गलत तरीके से तैयार किए गए हैं तथा गलत समय पर पेश किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा एमएसपी को खत्म करने का और कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी ?

आपको बता दें कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सक्तीशकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को अध्यादेश की जगह लेने के लिए सोमवार को पेश किया गया था।

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