नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के बाद अब तक पूरा सच सामने नहीं आया है। हर कोई जानना चाहता है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीछे का सच क्या है। घटना के बाद से लगातार नए वीडियो सामने आ रहे हैं। दोनों पक्ष अलग अलग थ्योरी बता रहे हैं पर सच क्या है ये जनता जानना चाहती है। घटना के बाद आज तीसरा दिन है कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति फुल हो रही है। विपक्षी पार्टियां वीडियो को ट्वीट कर किसानों पर सियासत कर रही है और योगी सरकार पर हमलावर है। तो सरकार दोषियों को सख्त सजा देने की बात कर रही है।
हिंसा किसने की और किसके कहने पर की गई। गोली चली या नहीं चली ऐसे कई सवाल है जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं। इस बीच किसानों की तरफ से हो या फिर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का अपना अपना दावा हो रहा है। इस मुद्दे को कैसे सियासी रंग दिया जा रहा है उस पर भी हम बात करेंगे। लेकिन पहले जो नए वीडियो आए हैं और दोनों पक्षों की क्या थ्योरी है उसे जानना जरूरी है। अब तक तीन वीडियो सामने आए हैं जिसमें पहला वीडियो गाड़ियों पर किसानों का हमला, दूसरा वीडियो- लाठियों से पीट-पीट कर हत्या और तीसरा वीडियो- गाड़ी से कुचलने का वीडियो।
वीडियो में तीन गाड़ियां निकल रही हैं, सड़क के दोनों ओर काले झंडे लिए लोग खड़े हैं। दूसरी और तीसरी गाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला। लखीमपुर खीरी में दोनों गुट अपना अपना दावा कर रहे हैं हम पूरी घटना की सच्चाई तक पहुंचना चाहते हैं। हमारा मकसद सच्चाई को दिखाना है। घटना के बाद कई वीडियो सामने आ रहे है जिनमें हम पहले ही आपको बता दें कि हम इन वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं। ये वीडियो देखिए काफिले की तीन गाड़िया जा रही है। सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में काले झंडे लिए लोग खड़े हैं। पहली गाड़ी निकलती है दूसरी निकलती है गाड़ियों की रफ्तार धीमी है जैसे ही सफेद कलर की तीसरी गाड़ी निकलती है। उस पर सड़क के दोनों तरफ खड़े लोग लाठी डंडे से हमला करते हैं। जैसे ही हमला होता है गाड़ी की रफ्तार तेज हो जाती है। सवाल है क्या हमले के बाद तेज रफ्तार से भागती गाड़ी से एक्सीडेंट में किसानों की मौत हुई।
अब आपको एक एक करके दोनों पक्षों की थ्योरी सुनाते हैं। शमशेर नाम के घायल किसान का दावा है कि उसके ऊपर मोनू यानि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी चढ़ाई गई। घायल किसान का दावा ये भी है आशीष ने गाड़ी रोककर फायरिंग की और उस फायरिंग से एक किसान की मौत हो गई। किसान साफ साफ आरोप लगा रहा है कि आशीष मिश्रा ने गोली चलाई और गोली लगने से किसान की मौत तक हो गई। अब आशीष मिश्रा को सुनिए जो कह रहे हैं कि वो उस दिन अपने दंगल वाले कार्यक्रम में थे तिकुनिया जहां पर हिंसा हुई वहां वह गए ही नहीं।
अब यहां ध्यान देने वाली बात है कि किसान बोला आशीष ने गोली चलाई जबकि आशीष बोला मैं वहां था नहीं। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है और रिपोर्ट में गोली लगने से किसी की मौत का जिक्र नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि शरीर पर चोट लगने, घिसटने और हेमरज से मौत हुई। अब ऐसे में कई सवाल अनसुलझे हैं जिनका जवाब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
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