मुंबई: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को रिजॉर्ट में रखा हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि शिवसेना ने जिस रीट्रीट रिजॉर्ट में अपने विधायकों को रखा है वहां वो आपस में उलझ पड़े हैं। शिवसेना विधायकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे उस एनसीपी से गठबंधन की गुहार लगा रहे हैं जिसके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा था।
विधायकों ने मुख्यमंत्री पद को लेकर उद्धव ठाकरे के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि मुख्यमंत्री का पद केवल परिवार के लिए ही क्यों है। विधायकों के बीच गर्म होते माहौल के बीच आदित्य ठाकरे को रिजॉर्ट में जाना पड़ा। दरअसल विधायकों को शरद पवार के साथ गठबंधन करने का फैसला सहीं नहीं लग रहा है। वहीं शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने भी रिजॉर्ट पहुंचकर विधायकों को समझाने की भी कोशिश की है।
एक विधायक ने तो उद्भव को चेतावनी दी कि पवार उन्हें कभी भी सरकार पर नियंत्रण नहीं करने देंगे और सभी मलाईदार कैबिनेट पोस्ट को छीन लेंगे। विधायकों ने इस बहस के दौरान ठाकरे से पूछा कि वे अपने वोटरों को कैसे समझाएंगे कि वे उनके साथ जा रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा था। विधायक इस बात से भी नाराज बताए जा रहे हैं कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्रों से दूर रखा जा रहा है। कुछ विधायकों को यह भी चिंता है कि कहीं राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद दोबारा चुनाव ना हो जाएं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सहयोगी शिवसेना 56 सीटें मिली थी। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी। भाजपा की अपनी सहयोगी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते सरकार नहीं बना सकी जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। इस बीच शिवसेना नई सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और एनसीपी से लगातार संपर्क बनाए हुए है।
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