नई दिल्ली : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब में कांग्रेस का संकट फिर गहरा गया है। पार्टी इस संकट को जितना सुलझाने की कोशिश की है यह उतना ही पेचीदा होता गया। विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू का यह बागी तेवर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्हें मनाने के लिए पार्टी की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सौंपी है। पहले यह चर्चा थी कि सिद्धू को मनाने के लिए प्रदेश के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ जा सकते हैं लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि रावत अब नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सुबह 10.30 बजे कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई है। समझा जाता है कि सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए इस बैठक में कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।
मंगलवार दोपहर बाद सिद्धू ने अपना इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनका यह इस्तीफा ऐसे समय हुआ जब दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार शामिल होने जा रहे थे। सिद्धू के इस्तीफे ने कांग्रेस के इस कार्यक्रम का रंग फीका कर दिया। सिद्धू की नाराजगी के पीछे कई बातें कही जा रही हैं। बताया जाता है कि सिद्धू चन्नी सरकार में अपने गुट के लोगों को नियुक्त कराना चाहते थे लेकिन सीएम चन्नी ने उनकी नहीं सुनी। मंत्रिमंडल में अपनी पसंद के नेताओं की जगह न मिलने और डीजीपी की नियुक्ति से भी सिद्धू नाराज बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस सिद्धू को मनाने के लिए प्रयास कर रही है। पार्टी ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। उन्हें मनाने की देर रात तक कोशिशें हुईं। चन्नी सरकार के दो मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा ने उनसे मुलाकात की। परगट सिंह का कहना कि एक-दो मुद्दें हैं जिन्हें लेकर विवाद है, इन मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया। पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं। इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा।’वहीं, सिद्धू के इस्तीफे पर तंज कसते हुए पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ‘मैंने आपसे कहा था... वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है।’
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