काबुल : राजधानी काबुल के कसाबा इलाके में फंसे 200 भारतीय कर्मचारियों पर तालिबान की ओर से फायरिंग हुई है। गारदा नामक सुरक्षा कंपनी में काम करने वाले इन 200 भारतीय नागरिकों पर फायरिंग की घटना उस समय हुई जब वे बसों और अन्य वाहनों में बैठकर एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो रहे थे। तभी तालिबान लड़ाकों ने गोलीबारी कर उनका रास्ता रोक लिया। इस घटना के बाद भारतीय नागरिक डरे हुए हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है। कर्मचारियों को आशंका है उनकी हत्या भी हो सकती है।
अपनी कंपनी में कैद हैं भारतीय नागरिक
सुरक्षा कंपनी में काम करने वाले ये भारतीय नागरिक पिछले कुछ दिनों से अपनी कंपनी में ही कैद हैं। तालिबान इन्हें कंपनी से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा है। कंपनी के सभी गेट पर तालिबान लड़ाके मौजूद हैं।
हथियार सौंपने के बाद हुई फायरिंग
भारतीयों को डराने के लिए वे समय-समय पर फायरिंग भी करते आए हैं। दरअसल, सुरक्षा कंपनी में काम करने वाले भारतीयों के पास हथियार थे। तालिबान ने इनसे अपने हथियार सौंपने के लिए कहा था। हैरान करने वाली बात है कि भारतीय नागरिकों की ओर से हथियार जमा कर देने के बाद उन पर गोलीबारी की गई।
सरकार के लिए चुनौती
दो दिन पहले हथियार सौंपने के बाद भारतीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अब उन्हें वहां से निकलने दिया जाएगा। रात के समय जब भारतीय नागरिक एयरपोर्ट पर जाने के लिए बसों में सवार हो रहे थे तभी अचानक से तालिबान ने फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसके बाद उन्हें वापस कंपनी में जाना पड़ा। फायरिंग के बाद नागरिकों को निकालने की कवायद रोक दी गई है। काबुल में फंसे इन भारतीयों को निकालना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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