नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध पर गुरुवार को राजधानी दिल्ली से लेकर सुदूर पूर्व तक और दक्षिण भारत तक लोग सड़कों पर उतरे। राजनीतिक दलों के समर्थन का असर ये हुआ कि सुबह 10 बजे तक दिल्ली के कई इलाके जाम की भेंट चढ़ गए और अलग अलग राज्यों से हिंसक प्रदर्शम की खबरें आने लगी। कर्नाटक और यूपी को छोड़कर शेष जगहों से किसी के मरने की खबर नहीं थी। लेकिन करोड़ों की संपत्ति उपद्रवियों की भेंट चढ़ गई। सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद सीएए पर लोगों के संदेह को दूर करने के लिए फैक्टशीट जारी की गई, हालांकि लोग देर शाम तक सड़कों पर डटे रहे।
गुरुवार को हंगामे के बाद अलग अलग राज्यों में क्या फैसले लिए गए।
यूपी- गाजियाबाद में शुक्रवार रात 10 बजे तक मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही प्रयागराज जिले में भी शुक्रवार सुबह तक इंटरनेट सेवा पर पाबंदी है। लखनऊ में 21 दिसंबर यानि शनिवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस पर पाबंदी रहेगी। इसके अलावा पीलीभीत में 24 घंटें के लिए पाबंदी है। मुजफ्फरनगर, संभल और अलीगढ़ में पहले से ही इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगी हुई है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओ पी सिंह का कहना है कि इजाजत के साथ प्रदर्शन पर मनाही नहीं है। लेकिन अगर कोई उपद्रव करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को क्या हुआ था
यूपी- लखनऊ के हजरतगंज और हुसैनाबाद इलाके में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें मीडियाकर्मियों के साथ साथ 4 ओबी बैन को निशाना बनाया गया। एक शख्स की मौत भी हुई। लेकिन पुलिस का कहना है कि उसकी तरफ से गोली नहीं चलाई गई। हिंसक प्रदर्शन की वारदात के बाद करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो कोई भी शख्स सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
दिल्ली और एनसीआर
दिल्ली और एनसीआर के सभी हिस्सों में प्रदर्शन की वजह से लोगों को भारी जाम से जुझना पड़ा। ऐहतियात के तौर पर कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया। पहले यह अफवाह उड़ी कि पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू है। लेकिन दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप सिंह रंधावा ने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रामक खबर है, नई दिल्ली, पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू की गई थी।
बंगाल- सीएम ममता बनर्जी मंगलवार और बुधवार की तरफ पूरे फार्म में थीं। पहले यह खबर आई कि उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी को यूएन की अगुवाई में कराया जाए। उनके इस बयान के बाद जमकर हंगामा हुआ। लेकिन बाद में पता चला कि उनका कहना था कि यूएन जैसी किसी स्वतंत्रण भारतीय एजेंसी की अगुवाई में सीएए लागू किया जाए।
कर्नाटक- यहां के दो जिले बेंगलुरू और मेंगलुरु में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। मेंगलुरु में विरोध करने वालों ने बस पर पथराव किया जिसमें कुछ लोग घायल हुए हालांकि पुलिस के साथ झड़प में दो लोगों की मौत भी हो गई।
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