नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि भारत हिंदुओं का देश है और दुनिया में हिंदू जहां भी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, उन्हें भारत आने का अधिकार है। टाइम्स नाउ समिट 2021 के दौरान टाइम्स नाउ की कंसल्टिंग एडिटर पद्मजा जोशी के साथ बातचीत में असम के सीएम ने कहा कि मुस्लिम नेताओं को अपने समुदाय के लोगों से मदरसों को बंद करने के लिए कहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने यहां सरकारी मदरसों की फंडिंग बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि इन मदरसों में चिकित्सा केंद्र एवं ऐसे स्कूल खोले जाने चाहिए जहां सभी छात्र पढ़ाई कर सकें।
इस सवाल पर कि नॉर्थ ईस्ट में वे तीन चीजें कौन सी हैं जिन्होंने उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में पूर्वोत्तर के राज्यों में कनेक्टिविटी बहुत ज्यादा बढ़ी है। दूसरी, शांति है। पहले पूर्वोत्तर के राज्य अशांत रहते थे। यहां हिंसा होती थी लेकिन यह चीज एक तरह से खत्म हो गई है। तीसरी बात, इन राज्यों के लोगों में अब अलगाववाद की भावना नहीं है। पूर्वोत्तर के राज्यों तक भारत पहुंच गया है। पिछले पांच सालों में सभी क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है।
असम-मिजोरम सीमा विवाद पर सरमा ने कहा कि यह विवाद काफी पुराना है। कांग्रेस ने सीमा का बंटवारा करते समय उसका सीमांकन नहीं किया जिसकी वजह से बीच-बीच में दोनों राज्यों के बीच विवाद होता रहा है। इस विवाद में हमने अपने छह पुलिसकर्मियों को खो दिया लेकिन हमने एक भी गोली नहीं चलाई। इससे जाहिर होता है कि हम अपने पड़ोसी राज्य का कितना सम्मान करते हैं। सीमा विवाद का हल निकालने की हम कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह सीमा विवाद अतीत का विषय हो जाएगा।
सरमा ने कहा कि असम की राजनीति में सांप्रदायिक राजनीति की शुरुआत 2006 से हुई। एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल ने इसकी शुरुआत की। वहीं, दरंग जिले में हुई हिंसा पर सीएम सरमा ने कहा कि जब तक पीएफआई एवं सीएफआई के लोग प्रदर्शन में शामिल नहीं थे, यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। लेकिन इन दो संगठनों से प्रशिक्षित लोगों ने पुलिस पर फायरिंग की जिसके बाद हिंसा हुई। यह हिंदुओं का देश है। दुनिया भर में हिंदू जहां खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, उन्हें भारत आने का अधिकार है। इंडिया 1947 में आया उससे हजारों वर्ष पहले से हम हिंदू हैं।
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