नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा उनकी योजना देश में ग्रीन पावर, ग्रीन फ्यूल और ग्रीन एनर्जी से वाहनों को चलाने की है। ये ईंधन ही देश का भविष्य हैं। टाइम्स नाउ समिट 2021 के दौरान टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ एवं एडिटोरियल डायरेक्टर राहुल शिवशंकर के साथ बातचीत में गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया। गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे बना रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में हमारी बुनियादी संरचना अमेरिका और यूरोप के बराबर होगी।
'गतिशक्ति' योजना से अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी-गडकरी
भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने 'गतिशक्ति' योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश की बुनियादी संरचना को मजबूत करने वाली साबित होगी।'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है, उसे पूरा करने की कोशिश कर रहा है। अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में गडकरी ने कहा कि मुबंई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे 1350 किलोमीटर लंबा और दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है। यह एक्सप्रेस-वे दिसंबर 2024 तक शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा उनका मंत्रालय 22 ग्रीन एक्सप्रेस-वे बना रहे हैं। दिल्ली से देहरादून, जयपुर, कटरा राजमार्गों पर काम चल रहा है।
चेन्नई से बेंगलुरु तक बन रहा नया राजमार्ग
नए राजमार्गों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चेन्नई से बेंगलुरु तक नया राजमार्ग बन रहा है। पूरा देश (कश्मीर से कन्याकुमारी तक) राजमार्ग से जोड़ा जाएगा। ये सभी राजमार्ग दो साल में बनकर तैयार हो जाएंगे। गडकरी ने कहा कि वह साल 1995 में महाराष्ट्र की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री बने। इसके बाद सरकारों में उन्हें बुनियादी संरचना से जुड़े विभाग मिलने लगे।
'फ्लेक्स इंजन लाने की दिशा में काम कर रहे'
पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों एवं इससे होने वाले प्रदूषण से बचाव का उपाय बताते हुए गडकरी ने कहा कि उनकी योजना देश में ग्रीन पावर, ग्रीन फ्यूल और ग्रीन एनर्जी से वाहनों को चलाने की है। ये ईंधन ही देश का भविष्य हैं। वह फ्लेक्स इंजन लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक दो महीने के भीतर हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी आ जाएगी। इलेक्ट्रिक कार, स्कूटर, रिक्शा पहले आ चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश बहुत आगे जाने वाला है। हमारी कोशिश अपनी परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पर शिफ्ट करने की है। इथेनाल आधारित ईंधन से प्रदूषण कम फैलता है। यही नहीं, पेट्रोल गाड़ी पर एक महीने में आने वाला 12 से 15 हजार रुपए महीने का खर्च इलेक्ट्रिक कार पर घटकर दो हजार रुपए पर आ जाएगा।
'पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाना चाहते कुछ राज्य'
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर गडकरी ने बताया कि इस पर सरकार ने प्रस्ताव रखा है। हालांकि, इस पर कुछ राज्यों का विरोध है। राज्य यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार हो जाते हैं तो इससे जनता को फायदा होगा। अरुण जेटली जी ने यह प्रस्ताव रखा था लेकिन कुछ राज्यों ने कहा कि ईंधन और शराब से उन्हें ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे देखेंगी।
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