नई दिल्ली। डीएचएफएल का वाधवान परिवार लॉकडाउन के बीच स्पेशल परमिशन लेकर महाबलेश्वर पहुंचा। वाधवान परिवार वहां पहुंचा जरूर लेकिन लोगों ने जब देखा कि पांच गाड़ियों में सवार होकर 23 लोग अपने आशियाने की तरफ कूच करने वाले हैं तो पुलिस को जानकारी दी और उसके बाद मामले ने अलग मोड़ ले लिया। सियासी गर्मी की तपीश में सरकार न झुलसे इसके लिए वाधवान परिवार को क्वारंटीन कर दिया गया। इसके साथ ही ईडी और सीबीआई भी हरकत में आ गई है। आज वाधवान परिवार का क्वारंटीन अवधि पूरी हो रही है देखना यह है कि वो अह किसकी हिरासत में जाते हैं।
DHFL प्रमोटर को हिरासत में ले ईडी
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि वाधवान परिवार का क्वारंटीन आज पूरी हो रही है। महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को जानकारी दी जा चुकी है। उन एजेंसियों का आतर उन्हें हिरासत में लेना चाहिए। हमारी तरफ से दो बजे के पहले हिरासत में लेने की गुजारिश की गई है, अगर ऐसा नहीं होता है तो ईडी और सीबीआई के आने तक वो महाराष्ट्र पुलिस के कब्जे में होंगे।
दिलचस्प है वाधवान की कहानी
महाबलेश्वर में जब नियमों की अनदेखी वाधवान परिवार ने उद्धव सरकार से पूछा कि आखिर किसकी इजाजत से यह सब संभव हुआ। जब सियासत गरमाई तो सरकार ने एक बड़े आईएएस अधिकारी पर गाज गिरा दी। इसके साथ ही ईडी भी हरकत में आ गई। डीएचएफएल प्रमोटर की तलाश ईडी को थी क्योंकि यस बैंक स्कैम के साथ पीएमसी बैंक घोटाले में नाम जुड़ा था। ईडी द्वारा बार बार नोटिस भेजे जाने के बाद भी वो पेश होने से बचते रहे। जिस दिन यह जानकारी मिली कि वाधवान, महाबलेश्वर में उसी दिन ईडी ने वहां के डीएम और एसपी को जानकारी दी कि वो मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपी हैं, उनके शहर में रहने या छोड़ने की जानकारी एजेंसी को उपलब्ध कराई जाए।
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