नई दिल्ली : अपने दो दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 80 मिनट तक बैठक चली। पीएम के साथ उनकी यह बैठक प्रधानमंत्री के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर हुई। पीएम से मिलने के बाद यूपी के सीएम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे। नड्डा से मिलने के बाद सीएम योगी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि दोनों लोगों में यह औपचारिक मुलाकात थी। सूत्रों का कहना है कि सीएम आदित्यनाथ के लखनऊ पहुंचने पर उनके मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। गुरुवार को सीएम योगी गृह मंत्री अमित शाह से मिले।
चुनाव के लिए आगे बढ़ने पर बन रही रणनीति
लखनऊ में कुछ दिनों पहले पार्टी संगठन एवं संघ के नेताओं ने विधायकों, मंत्रियों एवं उप मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर सरकार के बारे में फीडबैक लिया। बताया जाता है कि कोरोना प्रबंधन को लेकर विधायकों एवं मंत्रियों के एक धड़े में नाराजगी है। इन नेताओं ने अपनी नाराजगी संगठन एवं संघ के नेताओं के साथ जाहिर की। दूसरा, राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव होना है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की बैठकों में सीएम योगी को समझाया जा रहा है कि नेताओं की नाराजगी दूर करते हुए चुनाव के लिए आगे किस तरह से बढ़ना है।
भाजपा के लिए बहुत मायने रखता है 2022 का चुनाव
भाजपा के लिए 2022 में यूपी का विधानसभा चुनाव बहुत मायने रखता है। लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में पार्टी ने इस राज्य में शानदार प्रदर्शन किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने प्रचंड जीत की। राज्य में अपनी इस बढ़त को पार्टी कहीं से भी गंवाना नहीं चाहती। 2017 के समय अमित शाह पार्टी के अध्यक्ष थे। उन्होंने राज्य के कम जनाधार वाले जातीय दलों को पार्टी के साथ जोड़ा था। इन दलों का वोट प्रतिशत एक से तीन प्रतिशत था। इस बार भी कोशिश अपना दल और ओम प्रकाश राजभर को साथ लेकर चलने की है। भाजपा चुनाव के लिए जब आगे बढ़ती है तो वह संगठन से लेकर कार्यकर्ताओं सभी की राय लेती है। लखनऊ की बैठकों में यही हुआ।
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