कानपुर में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला ठग गिरफ्तार, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

Cyber Crime: कानपुर की क्राइम ब्रांच की टीम ने मेरठ से एक शातिर ठग को पकड़ा है। शातिर ठग इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भारी छूट का ऑफर देकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था। शातिर दो साल में हजारों लोगों को शिकार बना चुका है।

Cyber Crime
कानपुर की क्राइम ब्रांच की टीम ने मेरठ से एक शातिर ठग को पकड़ा   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कानपुर की क्राइम ब्रांच ने शातिर ठग को दबोचा
  • क्राइम ब्रांच ने मेरठ से आरोपी अनस को पकड़ा
  • ऑनलाइन कंपनी का कर्मचारी बताकर करता था ठगी

Kanpur Cyber Crime: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के क्राइम ब्रांच की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बेचने के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले शातिर को मेरठ से दबोच लिया है। आरोपी के खिलाफ कानपुर के बर्रा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी को कानपुर में मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया है। एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर के अनुसार, बर्रा-2 के रहने वाले रनवीर भदौरिया ने थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। रनवीर का शादी समारोह में डेकोरेशन का कार्य है। अप्रैल महीने में रनवीर ने सोशल मीडिया पर कूलर का ऑफर देखा। 

रनवीर ने सोशल मीडिया पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। कूलर के दाम 72 हजार रुपये तय कर लिए। इस दौरान 36 हजार दे दिए। दोनों के बीच बकाया रकम माल आने के बाद देनी तय हुई। लेकिन आरोपी ठग ने डीटीडीसी कोरियर कंपनी की स्लिप भेजी और अपनी बातों में फंसाकर पूरी रकम निकलवा ली। 

स्टेटस पर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की फोटो अपलोड करता था आरोपी

इसके बाद आरोपी ठग ने नंबर ब्लॉक कर दिया। पीड़ित ने इस ठगी के मामले की बर्रा थाने में शिकायत की। पुलिस ने जांच शुरू की। मामला क्राइम ब्रांच की टीम को सौंपा गया। मामले में क्राइम ब्रांच एसआई यतीश सिंह ने अपनी टीम के साथ मेरठ जिले के थाना मुडाली क्षेत्र के रहने वाले अनस को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अनस अपने स्टेटस पर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की फोटो अपलोड करता था। इसके बाद व्हाट्सएप नंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता था। आरोपी कम रकम का ऑफर देता था। 

पुलिस को लेनी पड़ी लोगों की मदद

इसके बाद यूपीआई से पहले भुगतान ले लेता था। फिर फर्जी कोरियर स्लिप शेयर कर बाकी रकम भी मंगा लेता था। एडीसीपी के अनुसार, मेरठ के अजराडा गांव के घरों में साइबर ठगी करने वाले लोग रहते हैं। जब पुलिस यहां गई थी तो वहां के कुछ प्रबुद्ध नागरिकों की मदद ली गई, इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया जा सका।

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