दूर रहकर भी पास हो... कभी-कभी जब ये ख्याल आता है, तो मन प्रफुल्लित हो जाता है। लेकिन जब यही दूरी मन में खटास पैदा कर दे, दूर रहने पर भी एक-दूसरे के लिए प्यार नहीं बल्कि झगड़े की दशा हो, तो वो रिश्ता ठीक नहीं।
आजकल एक छत के नीचे रहकर भी पार्टनर एक दूसरे से इतने दूर होते हैं कि उनके दिलों के तार को जोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। बात जब दूर रहकर उसी रिश्ते को निभाने की हो, तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है। कई बार देखा गया है कि दूर रहने पर भी पार्टनर से छोटी-छोटी बात पर मन-मुटाव हो जाता है। दो दिलों के बीच दूरियां पैदा हो जाती हैं। इसी दूरी और दूर रहते हुए भी झगड़े को कैसे करें कम, जानने के लिए पढ़ें ये लेख।
1. रिश्ते की सीमा तय करें
जब दो दिल मिलते हैं, दो लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं, तो कुछ दिनों के लिए सारी हदें पार कर जाते हैं। दोनों ऐसे जीते हैं जैसे दो जिस्म एक जान हों, पर ये स्थिति ज्यादा दिन तक नहीं चलती। कुछ ही दिनों में बोरियत होने लगती है। खासतौर पर जब पार्टनर आपसे दूर हो जाए, तो धीरे-धीरे दोनों ही अपना दायरा बढ़ा लेते हैं। खुद को उस बंधन के पिंजड़े से आजाद करना चाहते हैं, जिसमें वो कभी कैद होना चाहते थे। जब आपके रिश्ते में झगड़े की बू आने लगे, तो तुरंत संभल जाएं और अपने रिश्ते की सीमा तय करें। पार्टनर को बार-बार मैसेज न भेजें, मिनट-मिनट पर फोन न करें।
2. बोल दो जरा-जरा
हर समस्या का समाधान है। परेशानी से पहले उसका समाधान आता है। इसलिए जब आपके रिश्ते में मिठास खत्म और खटास घर बनाने लगे, तो बेहतर होगा कि अपने दिल के उस हिस्से से खुलकर बात करें, जो कभी आपका था। उनसे हर एक समस्या, उलझन पर बात करें। उनसे अपना हाले-दिल कहें और उनसे उनके दिल का हाल पूछें। इससे झगड़े का अंत हो जाएगा।
3. ठहराव है जरूरी
जीवन में ठहराव बहुत आवश्यक है। जब भी आपको गुस्सा आए, झगड़े का मूड बने, कुछ खरीखोटी पार्टनर को सुनाने का मन हो, तो ठहर जाएं। एक पल के लिए सोचें। अपने चित को शांत करें। पार्टनर और अपने रिश्ते के उन हसीं पलों को याद करें, जिसमें आप दोनों दूर रहकर भी पास थे। पार्टनर के खिलाफ जो भी गिले-शिकवे हैं, उसे आराम से पार्टनर से कहें।
4. छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें
हर छोटी-छोटी बात पर बहस करना आवश्यक नहीं है। ये छोटी-छोटी बातें आपके रिश्ते की जड़ को उखाड़ फेखेगी। उन छोटी चीजों को गिनना बंद कर दें जिनसे आपके रिश्ते को नुकसान पहुंच रहा है।
5. पार्टनर की नई जिंदगी को स्वीकारें
जब आपका पार्टनर आपसे दूर होकर नए शहर में जाता है, तो वहां की नई वादियां उसका बाहें खोलकर इंतजार करती हैं। उस स्वागत को वो पूरी तरह से अपनाना चाहता है। उसके नए दोस्त, नई आबो हवा, ये सब उसे आपसे कुछ दिनों के लिए दूर कर देती हैं। ऐसे में आप उन चीजों से जलन रखते हैं और उसे स्वीकार नहीं कर पाते। आप सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि अगर वो वहां नई खुशी तलाश कर रहा है, उसमें जी रहा है, तो आप क्यों नहीं। ऐसा मत सोचिए। उसे थोड़ा समय दीजिए।
रिश्ते की अहमियत को दोनों को समझना चाहिए। किसी एक के उसे हल्का करने पर रिश्ते की डोर कमजोर हो जाती है।