किसी भी तरह का शारीरिक काम करने के बाद शरीर पूरी तरह से थक जाता है जिसे आराम की सख्त जरूर होती है। ऐसे में हमें बस आराम से बिस्तर पर लेटने की जरूरत महसूस होती है ताकि पूरे शरीर को रिलैक्स मिल सके बॉडी का एक-एक हिस्सो को आराम मिल सके। योगासन में भी एक आसन है शवासन जिसका भी अपने आप में काफी महत्व होता है।
इस आसन में योगी हाथ पांव और पूरा शरीर सीधा करके पीठ के बल जमीन पर लेट जाता है। इसी मुद्रा को शवासन कहते हैं इसमें पूरे शरीर में कोई मूवमेंट नहीं होता है बस शरीर को आराम दिया जाता है। कई लोगों को ये लगता है ऐसा करना आलसीपन की पहचान है लेकिन ऐसा करने का भी अपना एक शारीरिक व वैज्ञानिक महत्व है।
चाहे घर का काम करना हो या फिर ऑफिस का काम करना हो दोनों में शारीरिक और मानसिक थकावट होती है और ऐसे में हमारे शरीर को 15 ही मिनट का क्यूं नहीं लेकिन एक अदद ब्रेक चाहिए होता है। इस दौरान अगर अपने सारे विचारों को सारे कामों को विराम देते हुए बिस्तर पर लेट जाते हैं तो इसका काफी लाभ मिलता है।
पुराने जमाने के लोगों को पास काम आज से अधिक होता था लेकिन वे हमसे ज्यादा फुर्तीले होते थे, मजबूत होते थे और उन्हें काम की थकावट कम होती थी। वजह ये कि उनमें संतुष्टि की भावना था। लेकिन आज के जमाने में ये बिल्कुल उल्टा है। लोग भागदौड़ भरी जिंदगी जी रहे हैं।
उनमें संतुष्टि की भावना नहीं है। वे लालच के पीछे भाग रहे हैं। डिजिटल दुनिया में अपना दिमाग व अपना समय व्यतीत कर रहे हैं फिर भी उन्हें हमेशा कुछ छूटता हुआ ही महसूस होता है। भागमभाग और गैर जरूरी दबावों से अपने आप को बचाने के लिए रिलैक्स करने के लिए शवासन किया जाता है।
शव एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है मृत शरीर। इस आसन में आराम की मुद्रा लेट जाएं। इस आसन को करने से दिमाग शांत रहता है और डिप्रेशन जैसी समस्या से छुटकारा मिलता है। यह एक मात्र ऐसा आसन है, जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं।
शवासन की उत्पत्ति ही इसलिए की गई ताकि योग के बहाने हम अपने आप को आराम दे सकें बॉडी और दिमाग हर कुछ को रिलैक्स कर सकें। रोज किसी भी समय जब भी आपको थकावट महसूस हो आप 10 से 15 मिनट तक के लिए शवासन कर सकते हैं।
इससे आपकी पूरी बॉडी को एक नई ऊर्जा मिल जाती है। यह एक ऑटो सजेशन प्रॉसेस है इसमें शरीर को किसी भी प्रकार की कोई एक्टिविटी नहीं करनी पड़ती है बस लेटने से शरीर को और दिमाग को अपने आप आराम मिल जाता है।