यूं तो शादी को दो आत्माओं का मेल कहा जाता है और ये भी कि रिश्ते ऊपर से बनकर आते हैं। लेकिन फिर भी जोड़ियों में कई बातों पर तनाव हो जाता है। मौजूदा दौर में जहां अधिकतर कपल्स वर्किंग हैं, वहां ये समस्याएं ज्यादा आती हैं। नतीजा होता है - कलह, झगड़े, तनाव और कई बार तलाक तक।
चैलेंज 1 : पैसों पर अनबन
जब पति-पत्नी दोनों कमाते हैं तो पैसों को लेकर आपस में क्लैश भी होता है। इंस्टॉलमेंट, इंवेस्टमेंट, बजट, खर्च, पेरेंट्स की हेल्प आदि को लेकर छोटी कलह अक्सर बड़ी समस्या बन जाती है।
क्या है समाधान :
खर्च और आमदनी की लिस्ट बनाएं और आपसी सहमति से इसे बांट लें। बेहतर होगा कि इस मामले में एक दूसरे से ट्रांसपेरेंट होकर चलें।
2. अलग जगह पर जॉब्स
इसे आप लॉन्ग डिस्टेंस मैरिज भी कह सकते हैं। जब जॉब की वजह पति या पत्नी को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़े तो इन दूरियों के साथ रिश्ता निभाना आसान नहीं होता है। इससे विश्वास और संवाद - दोनों पर असर पड़ता है।
क्या है समाधान :
अगर आपके साथ ऐसा है तो दिन में एक समय बात करने के लिए बांध लें। कोशिश करें कि शुरुआत ऑफिस की समस्या से नहीं बल्कि एक दूसरे का हालचाल पूछने से करें। छुट्टी साथ बिताने की कोशिश करें और इस दौरान एक दूसरे को प्राथमिकता दें। अगर दूरी के दौरान झगड़ा हुआ है तो उस पर डिस्कस न करें।
3. करीब आने का समय नहीं
टाइट वर्क शेड्यूल और दूरियों के चलते पति पत्नी को करीब आने और संबंध बनाने का मौका नहीं मिलता जो शादी में तनाव की एक बड़ी वजह बनता है।
क्या है समाधान :
ऐसी सिचुएशन में दोनों समझदारी दिखाएं और एक दूसरे के शेड्यूल के साथ एडजस्ट करें। अपनी इच्छाओं को खुलकर व्यक्त करें और दूसरे की स्थिति का सम्मान भी। कोशिश करें कि हफ्ते में कम से कम दो बार फिजिकल रिलेशंस जरूर बनाएं।
4. ऑफिस में चक्कर
घर पर जब टाइम कम रहता है तो पति और पत्नी के बीच वो के आने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि थोड़े रोमांच और थोड़े रोमांस के चक्कर में जिंदगी की गाड़ी पटरी से उतर जाती है।
क्या है समाधान :
खुद पर काबू रखें। मुश्किलें हर रिश्ते में आती हैं लेकिन धोखा देने पर कभी खुशियां हासिल नहीं होतीं। उल्टा लाइफ ऐसे बिखर जाती है कि फिर उसे संभाल पाना आसान नहीं होता।
5. बच्चों की जिम्मेदारी
बच्चों की फीस तक तो ठीक है लेकिन न्यूक्लियर फैमिली में खासतौर पर असली समस्या होती है - बच्चों को पढ़ाएगा कौन, टीचर्स के साथ मीटिंग में कौन जाएगा, उनको डांटा जाए या नहीं, उन पर नजर कैसे रखें, उनकी आदतें कैसे सुधारें आदि।
क्या है समाधान :
इसमें कोई दो राय नहीं है कि बच्चों के लिए आपका समय सबसे जरूरी है। दूसरा ये कि जितनी देर भी आप उनके सामने रहें, अपने शब्दों और व्यवहार से सही उदाहरण रखें। बाकी बातों के लिए टास्क बांट लें। और ये ध्यान में रखें कि अगर एक उसे पूरा नहीं कर पा रहा है तो बैलेंस बनाने के लिए दूसरा उसके रोल में तुरंत आ जाए।