लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए गुरुवार को अपने दो बड़े नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिन दो बड़े नेताओं को बसपा से निकाला गया है उनके नाम लालजी वर्मा और राम अचल राजभर हैं। बसपा ने हाल के दिनों में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कई विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है। ऐसे विधायकों की संख्या अब 11 हो गई है।
बसपा ने विधायकों के खिलाफ की अनुशासनात्मक कार्रवाई
राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होने हैं। इसके लिए बसपा की ओर से पार्टी नेताओं के खिलाफ की जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई काफी अहम है। लालजी वर्मा विधानसभा में बसपा के नेता थे। अब पार्टी ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमील को सदन में अपना नया नेता नियुक्त किया है।
सपा में शामिल हुए हैं विधायक
बसपा ने जिन 11 बागी विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है उनमें असलम राईनी, असलम अली चौधरी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकिल लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह, लालजी वर्मा, रामचल राजभर, रामवीर उपाध्याय और अनिल सिंह शामिल हैं। हाल के दिनों में यह देखने में आया है कि बसपा के नेता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। बसपा और सपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन यह महागठबंधन चुनाव में असफल रहा जिसके बाद दोनों पार्टियों ने अपने रास्ते अलग कर लिए।
इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा
इस बार का विधानसभा चुनाव बसपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी ने इस बार अकेले चुनाव मैदान में जाने का फैसला किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा। 2017 के विस चुनाव में उसे मात्र 19 सीटें मिलीं। चुनाव जीतकर आए 19 विधायकों में से पार्टी ने 11 के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
गत अक्टूबर में राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी के उम्मीदवार का विरोध करने पर बसपा ने अपने सात विधायकों को निलंबित कर दिया था। ये विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मिले थे।
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