लखनऊ : पिछले महीने कानपुर के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ के दौरान जान गंवाने वाले सब-इंस्पेस्टर नेबूलाल के परिजनों ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। गत तीन जुलाई की रात बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे एवं उसके सहयोगियों ने दबिश देने आए पुलिस टीम पर जानलेवा हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। हालांकि करीब एक सप्ताह बाद पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे भी मारा गया।
परिवार कार्रवाई से संतुष्ट
शहीद सब-इंस्पेक्टर की पत्नी श्यामा देवी, पुत्र अरविंद कुमार एवं एक अन्य रिश्तेदार ने लखनऊ में मुख्यमंत्री के आवास पर उनसे मुलाकात की। शहीद सब-इंस्पेक्टर के बेटे ने बताया, 'हम यहां मुख्यमंत्री के पास कुछ आवेदन करने आए थे।' उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना में शामिल ज्यादातर अपराधियों को सजा मिल गई है। मामले में राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से हम संतुष्ट हैं। मुझे उम्मीद है कि जिन अपराधियों को अब तक सजा नहीं मिली है उन्हें बाद में सजा जरूर मिलेगी।'
गत तीन जुलाई की रात हुआ हमला
बता दें कि पुलिस की एक टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गांव बिकरू गई थी। विकास को इस दबिश की जानकारी पहले हो गई थी जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड की साजिश रची। पुलिस टीम जैसे ही उसके गांव में पहुंची विकास और उसके साथियों ने टीम पर जानलेवा हमला किया और आठ पुलिसकर्मियों की बेदर्दी से हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद विकास अपने साथियों को के साथ फरार हो गया।
घटना के बाद फरार हो गया था विकास
पुलिस ने विकास एवं उसके साथियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दी लेकिन वह यूपी पुलिस की चंगुल से निकलने में कामयाब रहा। वह गत 9 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में देखा गया जिसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। एमपी में विकास के गिरफ्तार होने के बाद यूपी एटीएस की टीम उज्जैन रवाना हुई।
9 जुलाई को उज्जैन में पकड़ा गया विकास
यूपी पुलिस का कहना है कि विकास दुबे को लेकर जब वह वापस आ रही थी तो कानपुर के पास उसके काफिले में शामिल एक वाहन पलट गया। इस वाहन में विकास और अन्य पुलिसकर्मी सवार थे। हादसे में पुलिसकर्मियों के घायल हो जाने पर विकास ने मौके का फायदा उठाकर एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और वहां से फरार होने लगा। पुलिस टीम ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ीं। बाद में घायल अवस्था में विकास को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कानपुर एनकाउंटर पर लोगों ने सवाल उठाए हैं और सुप्रीम के आदेश के बाद एक आयोग का गठन हुआ है जो इस मामले की जांच करेगा।
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