कमलेश तिवारी मर्डर: 2015 में मोहम्मद पैंगबर पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी, 4 साल बाद बनी मौत की वजह

लखनऊ समाचार
Updated Oct 19, 2019 | 14:41 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Kamlesh Tiwari murder case: हिंदू नेता कमलेश तिवारी मर्डर मामले में पुलिस ने अहम जानकारी जुटाई है। यूपी डीजीपी ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस हत्या से 4 साल पुराना संबंध है।

UP DGP PC on kamlesh tiwari murder case
कमलेश तिवारी हत्या मामले में नया खुलासा  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • हिंदू नेता कमलेश तिवारी मर्डर मामले में पुलिस ने किया अहम खुलासा
  • बताया इस मामले से 4 साल पुराना है संबंध, बदले में की गई हत्या है
  • 2015 में पैगंबर मोहम्मद पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
  • इसी बात से गुस्साए मौलाना ने 2016 में किया था हत्या का एलान

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर ये दावा करते हुए बताया कि हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामला 24 घंटों के भीतर सुलझा लिया जाएगा। अब तक इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अब तक की जांच के बाद पुलिस ने बताया कि तिवारी की हत्या की योजना सूरत में बनाई गई थी।

शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि ये गुस्से और बदले में की गई हत्या है। पुलिस के मुताबिक इस हत्या मामसा का लिंक 4 साल पुराना है। ये आरोपी तिवारी के द्वारा 2015 में पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए एक आपत्तिजनक बयान से काफी गुस्से में थे। 

मौके से बरामद मिठाई का डब्बा बना अहम सुराग 
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर यूपी डीजीपी ओ पी सिंह ने बताया कि मैं खुद अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शुक्रवार क्राइम स्पॉट पर पहुंचा। हमें घटनास्थल पर कुछ अहम सुराग मिले हैं और हमें पूरा यकीन है कि हम इस मामले को 24 घंटों में सुलझा लेंगे। घटनास्थल पर एक मिठाई का डब्बा पाया गया है जिसपर सूरत के एक स्वीट शॉप का नाम लिखा है। 

 

 

इसके बाद हमने सूरत पुलिस और एटीएस से संपर्क किया। मामले में अब तक तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से एक संदिग्ध एक साड़ी की दुकान पर काम करता है जबकि दूसरा दर्जी का काम करता है और तीसरा संदिग्ध एक स्टोर पर काम करता है। FIR में मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है।

4 साल पहले ही हत्या की कर ली गई थी प्लानिंग!
उन्होंने आगे कहा कि एफआईआर में दो अन्य लोगों के नाम शामिल हैं और उन्हें मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। मामले की शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि ये लोग जो हिरासत में लिए गए हैं वे 2015 में तिवारी के द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर नाराज थे। इसी के बाद एक मौलाना ने उनकी हत्या का एलान खुलेआम किया था। पैगंबर मोहम्मद के बारे में तिवारी के द्वारा विवादित बयान देने के बाद मौलाना ने ये एलान कर कहा था कि जो कोई भी उसका (तिवारी) सिर काट कर लाए उसे इनाम दिया जाएगा। काजमी और हक ने 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था।

 

 

तिवारी की मां का अलग है बयान 
पुलिस ने बताया कि वे सभी सबूतों को एक साथ रखकर इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन से इसके तार जुड़े नहीं लग रहे हैं लेकिन इस पर जांच जारी है। वहीं इस मामले में एक ना ट्विस्ट भी सामने आया है। तिवारी की मां ने कहा है कि स्थानीय बीजेपी नेता शिव कुमार गुप्ता उसके बेटे की हत्या के पीछे जिम्मेदार है। इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बताया जाता है कि शिव कुमार गुप्ता के खिलाफ पहले से ही 500 से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। 

 

 

कमलेश तिवारी के घर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
जबकि तिवारी की पत्नी ने बिजनौर के एक मौलाना को उनकी हत्या के पीछे जिम्मेदार बताया था। तिवारी की पत्नी का कहना है कि उन्होंने ही उसके पति की हत्या की है। डीजीपी ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में ये भी दावा किया है कि कमलेश तिवारी के घर पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। गौरतलब है कि 43 वर्षीय कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ स्थित उनके घर पर हत्या कर दी गई थी। उनका गला कटा हुआ था और उन्हें कई बार गोली मारी गई थी। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई थी।

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