लखनऊ। कानपुर केस का हत्यारा विकास दुबे अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। 40 टीमें उसकी तलाश में है और इस बीच यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल हुआ है। फेरबदल की खास बात यह है कि एसटीएफ के डीआईजी रहे अनंत देव का हटा दिया गया है। इसके साथ ही कानपुर के एसएसपी ने चौबेपुर थाने के पूरे स्टॉफ को लाइन हाजिर कर दिया है।
चौबेपुर थाने का पूरा स्टॉफ लाइनहाजिर
कानपुर प्रकरण में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के खत के आने के बाद दबाव बढ़ गया था। देवेंद्र मिश्रा ने अपने खत में चौबेपुर के एसएचओ रहे विनय तिवारी और गैगेस्टर विकास दुबे के संबंधों की बारे में जानकारी देते हुए हटाने की संस्तुति की थी। बताया जा रहा है कि तत्कालीन एसएसपी रहे अनंत देव की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन उनके ट्रांसफर को रूटीन ट्रांसफर बताया जा रहा है। कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया था कि चौबेपुर थाना संदेह के घेरे में है, अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
खत का असर !
मंगलवार को खत के संबंध में जब कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक खत की चर्चा है जो मीडिया जगत से आई है और वो इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। इसके साथ ही ऑडियो क्लिप के बारे में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि ऑडियो क्लिप में कुछ संदिग्ध बात नहीं है। तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा, चौबेपुर के एसएचओ रहे विनय तिवारी और तत्कालीन एसएसपी के बीच बातचीत थी। शहीद डीएसपी के परिवार ने ऐतराज जताया था कि जिस अधिकारी से शिकायत की गई थी वही जांच दल में शामिल है लिहाजा निष्पक्षता की उम्मीद करना बेमानी होगी।
2 जुलाई की घटना के बारे में बिठूर थाने के एसएचओ कौशलेंद्र सिंह का कहना था कि जिस तरह से पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची वो एक तरह से लचर व्यवस्था थी। किसी को अंदाजा नहीं था कि विकास दुबे इतना बड़ा कांड करने की मंशा बना चुका है। उसके घर के करीब जेसीबी मशीन को इस तरह लगाया गया था कि एक बार में सिर्फ एक ही शख्स निकल सके। इसके साथ ही जिस थाने यानि चौबेपुर में अंजाम दिए जाने वाले ऑपरेशन के बारे में संबंधित थानाध्यक्ष ने पूरी जानकारी नहीं दी थी।
Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।