लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'आम-निर्यात' के संबंध में अधिकारियों के साथ नीतिगत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने आम की अन्तर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आम की अच्छी किस्में हैं। इनकी गुणवत्ता के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। लखनऊ में मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आम के निर्यात एवं विपणन के संबंध में समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कई प्रमुख आम उत्पादकों व निर्यातकों ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम उत्पादकों और निर्यातकों के सुझावों के दृष्टिगत कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि आम के विपणन एवं निर्यात के संबंध में तेजी से कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार आम उत्पादकों, निर्यातकों और किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
'बागों का हो जीर्णोंद्धार'
सीएम योगी ने कहा कि आम के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु पुराने बागों का जीर्णोंद्धार, कोल्ड रूम की व्यवस्था, पैक हाउस की व्यवस्था की जाए। कीटनाशकों के छिड़काव के संबंध में किसानों को जागरूक किया जाए। आम के बागों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान दिया जाए। आम आधारित उद्योगों की इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाए। अन्तर्राज्यीय विपणन के लिए हॉफेड, नैफेड एवं मण्डी परिषद योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करें। इस संबंध में अन्य प्रदेशों के व्यापारियों से संपर्क कर कार्य किया जाए।
दशहरी, लंगड़ा, चौसा समेत कई प्रजातियों की मांग
उन्होंने कहा कि आम उत्पादकों और निर्यातकों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए आम के निर्यात की तेजी से कार्यवाही की जाए। उत्तर प्रदेश में आम उत्पादक प्रमुख जनपद सहारनपुर, मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर, अमरोहा, बाराबंकी, हरदोई, सीतापुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रतापगढ़, वाराणसी आदि हैं। दशहरी, लंगड़ा, चौसा, रामकेला, रटौल, लखनऊ सफेदा, गौरजीत, मल्लिका जैसी प्रजातियों की मांग है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आम की लोकप्रिय प्रजातियों की ब्रांडिंग करते हुए निर्यात संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाए।
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