यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि एटीएस ने एजेंटों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो रोहिंग्याओं के भारत में अवैध प्रवास के लिए जाली कागजात की व्यवस्था करते थे। इस संबंध में यूपी के मेरठ में अवैध तरीके से रह रहे 4 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम चार आरोपियों हाफिज शफीक, अजीजुर रहमान, मुफिजुर रहमान और मोहम्मद इस्माइल हैं।
गिरोह के पास से जाली पहचान पत्र और दूसरे कागजात बरामद
गिरफ्तार लोगों के पास से जाली पहचान पत्र, पासपोर्ट, लैपटॉप, पेन ड्राइव और विदेशी मुद्रा सहित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।अब तक गिरफ्तार किए गए सभी रोहिंग्याओं का कोई पीएफआई लिंक नहीं मिला है। मानव तस्करी का मामला मानकर इसकी जांच की जा रही है।यूपी ने हाल ही में कुल 15 ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो अवैध रूप से रह रहे थे या भारत में रोहिंग्याओं को ठहरने की सुविधा प्रदान कर रहे थे। यह भारत में कहीं भी ऐसी गिरफ्तारियों की अधिकतम संख्या है।यदि अनियंत्रित होने दिया जाए तो इस प्रकार की मानव तस्करी जनसांख्यिकी में परिवर्तन को प्रभावित कर सकती है। ऐसे व्यक्ति हवाला लेनदेन के माध्यम से देश को भारी आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रहे थे।
रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी क्यों है अहम
अब सवाल यह है कि रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी क्यों खास है। इस संबंध में बताया जाता है कि देश के अलग अलग हिस्सों की तरह यूपी के कुछ जिलों में रोहिंग्याओं के अवैध तरीके से बसने की खबर आ रही थी। इसके अलावा उनके पास यूपी का राशन कार्ड और जरूरी दस्तावेज जो उन्हें भारतीय नागरिक साबित करते और वो चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनते। इसके अलावा इस तरह की खबरें आ रही थीं कि रोहिंग्या मानव तस्करी में शामिल हैं और जहां कहीं भी ये मौजूद हैं उन इलाकों में सामान्य कानून व्यवस्था पर असर डाल रहे हैं लिहाजा इनकी गिरफ्तारी को अहम बताया जा रहा है।
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