उत्तर प्रदेश सरकार कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद प्रदेश के माफिआओं और बदमाशों के पीछे लग गई है और उन पर शिकंजा कस रही है। इसी क्रम में पूर्वांचल के बाहुबली नेता और गाजीपुर जिले में मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने गुरुवार को मुख्तार अंसारी गैंग के चार सहयोगियों के आर्म्स लाइसेंस निरस्त करके के उन्हें मालखाने में जमा करा दिया है!
इससे मुख्तार अंसारी को इस कदम से झटका लगा है। अंसारी इस समय पंजाब की जेल में बंद है और यूपी नहीं आना चाहता है। डीएम ने शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं, जिनके लाइसेंस निलंबित किए गए हैं वो सभी मुख्तार अंसारी के करीबी हैं इनमें सोहराब,कयामुद्दीन, दुर्गेश और लाजपत के नाम शामिल हैं। अभी तक मुख्तार अंसारी गैंग के कई शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं और हथियार थानों के मालखानों में जमा कराए गए हैं।
प्रशासन के इस कदम से अंसारी के करीबियों में हड़कंप मचा हुआ है। मऊ में गिरोह के कई लोगों द्वारा संचालित होने वाले अवैध कारोबार और वसूली के खिलाफ अभियान तेज हो गया है, कई लोग तो अंडरग्राउंड हो गए हैं।
इससे पहले भी मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार और गैंग के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे मोहम्मद सालिम, नूरुद्दीन आरिफ और मसूद आलम के शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए गए थे और उनके हथियार थाने में जमा करा लिए गए थे, पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर हत्या, अपहरण और उगाही के 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा यूपी प्रशासन ने वाराणसी के हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश मिश्रा उर्फ झुन्ना पंडित के घर कुर्की की कार्रवाई शुरू की जो अभी चित्रकूट जेल में बंद है।
यही नहीं शासन की तरफ से अंसारी गैंग की तरफ से कब्जाई गई जमीन से कब्जा हटवाने का काम तेज हो गया है। पूर्वांचल में अपनी पकड़ रखने वाले अंसारी बंधुओं के खिलाफ तेज हुए इस अभियान के तहत मुख्तार अंसारी की करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान गाजीपुर से बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को हराया था।
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