लखनऊ: भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच बातचीत अलग अलग स्तरों पर की जा रही है। लेकिन चीन फिलहाल दबाव की राजनीति कर रहा है। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाने का अहम फैसला किया। अगर केंद्र सरकार ने इतना सख्त कदम उठाया है तो योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व वाली सरकार भी पीछे नहीं है। एक तरफ चीनी उत्पादों के कम से कम इस्तेमाल या संपूर्ण बहिष्कार पर जोर दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ चीन से पलायन कर रही कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जा रहा है।
रोड निर्माण में अब चीनी सामान नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा को देखते हुए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कुछ बड़े ऐलान किए। जैसे स्वदेशी एवं स्वावलंबन को प्राथमिकता देते हुए उत्तर प्रदेश, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम एवं राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि निर्माण कार्यों में कहीं किसी चीनी उत्पाद का प्रयोग न किया जाए। यूपी सरकार का मत है कि सड़कों के निर्माण स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए जिससे पूरक उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार का सृजन हो।
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ा यूपी
यहां यह जानना जरूरी है कि इस समय उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों में सड़क निर्माण का काम जोरों पर है। राजमार्गों के साथ साथ राज्य हाईवे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आजमगढ़ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस उनमें से एक है। इसके साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर भी काम शुरू हो चुका है। योगी सरकार ने कहा था कि जिस तरह से आपदा सामने आई है उसमें हमें अवसर ढूंढ कर आगे बढ़ना है। उन्होंने एक जिला एक उत्पाद की कामयाबी का भी जिक्र किया जिसकी तारीफ पीएम मोदी ने भी की थी।
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