Budget 2022 Highlights For Working Class: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज देश का बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने किसानों से जुड़ी कई अहम घोषणाएं कीं लेकिन इस बार सर्विस क्लास के हाथ कुछ खास नहीं आया, ये वर्ग जहां एक तरफ इनकम टैक्स से जुड़ी राहतों की उम्मीद में था लेकिन यहां उसे निराशा मिली है।
आज के बजट से संभावना जताई जा रही है कि देश के टैक्सपेयर्स (Taxpayers) खासकर नौकरीपेशा लोगों को सबसे बड़ा तोहफा मिल सकता है, लेकिन इस क्लास के हाथ ऐसा कुछ भी नहीं आया।
वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, पिछले साल भी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। यानी एक बार फिर से आम आदमी के हाथ में निराशा लगी है। उन्हें पहले की तरह ही टैक्स नियमों का पालन करना होगा।
1 अप्रैल 2020 से केंद्र सरकार ने नया ऑप्शन दिया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपसे से ज्यादा की आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन इसके तहत करदाताओं को डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है। वहीं पुराने टैक्स स्लैब के तहत करदाताओं को टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है।
कहा जा रहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्सेशन को लेकर कोई घोषणा कर सकती है और ये सही साबित हुआ किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रान्सफर से इनकम 30 फीसदी टैक्स रेट के दायरे में आएगी।
एक्वीजीशन कॉस्ट को छोड़कर डिजिटल एसेट्स से इनकम इस पर कोई डिडक्शन नहीं मिलेगा। डिजिटल एसेट्स के ट्रान्सफर के दौरान किसी भी तरह का लॉस, किसी अन्य आय के साथ सेटऑफ नहीं किया सकेगा।
करदाता अपना सालाना रिटर्न दो साल तक अपडेट कर सकेंगे और अगर कोई गलती है तो उसमें बदलाव कर सकेंगे, इसके जरिये वे अपना बकाया टैक्स भी भर सकते हैं. इसके लिए सरकार जल्द New IT Return Portal जारी करेगा।
वित्तमंत्री ने स्टॉक और म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने पर मिलने वाले रिटर्न पर सरचार्ज को सीमित कर दिया है, अब निवेशकों को लांग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 15 फीसदी से ज्यादा सरचार्ज नहीं चुकाना पड़ेगा इससे रिटर्न का वास्तविक फायदा और बढ़ जाएगा।
वहीं कांग्रेस ने आम बजट पेश होने के बादआरोप लगाया कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ 'विश्वासघात' किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्य वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात है। सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या सरकार ने 'क्रिप्टो करेंसी' से होने वाली आय पर कर लगाकर 'क्रिप्टो करेंसी' को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?