Pune RTO: पुणे के अवैध स्कूल बसों पर बड़ी कार्रवाई, 121 बसों पर लगा लाखों का जुर्माना, कई सीज, जानें क्‍यों

Pune RTO: जिले में दो स्‍कूली बसों में आग लगने की घटना के बाद आरटीओ विभाग ने सख्‍त जांच अभियान शुरू किया है। जांच के दौरान अब तक 121 स्‍कूली बसों पर 5 लाख 69 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा बगैर परमिट दौड़ रही 20 बसों को सीज कर दिया गया।

Action on school buses
नियमों की अनदेखी करने पर 121 बसों पर जुर्माना   |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • 121 स्‍कूली बसों पर लगा 5. 69 लाख रुपये का जुर्माना
  • बगैर परमिट दौड़ रही 20 बसों को किया गया सीज
  • आरटीओ की टीम सभी स्‍कूल वाहनों की करेगा जांच

Pune RTO: कात्रज में स्कूल वैन में आग लगने की घटना के बाद पुणे में नियमों की अनदेखी करके दौड़ रही स्‍कूल बसों पर पुणे आरटीओ ने बड़ी कार्रवाई की है। परिवहन आय़ुक्त कार्यालय के आदेश पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों से जिले में सख्‍त जांच अभियान चलाया। इस दौरान 121 बसों में सुरक्षा कमियां पाए जाने पर इन पर 5 लाख 69 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा बगैर परमिट दौड़ रही 20 बसों को सीज कर दिया गया।

बता दें कि पिछले एक सप्‍ताह के दौरान स्‍कूल बसों में दो हादसे हो चुके हैं। पहला हादसा कात्रज में हुआ था। यहां बच्‍चों को स्‍कूल ले जाते समय बैन में आग लग गई थी। इसके चार दिन बाद हड़पसर में भी मंगलवार को एक स्‍कूल बस में आग लग गई। जिसके बाद से आरटीओ स्‍कूल बसों को लेकर काफी सख्‍त हो गया है। जिसके बाद से पूरे जिले में इन स्‍कूल बसों के फिटनेस सर्टीफिकेट, बस में बैठने की व्यवस्था आदि सभी प्रावधानों की जांच की जा रही है।

जिले में चल रहे 6 हजार स्‍कूली बस

पुणे आरटीओ के उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी संजीव भोर ने बताया कि इस समय शहर में स्कूल बसों की निरीक्षण का अभियान चल रहा है। जांच के दौरान नियमों का पालन न करने वाली 121 स्कूल बसों पर कार्रवाई करते हुए 5 लाख 69 हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है। इसके अलावा 20 स्‍कूल बसों को सीज भी किया गया है। इनमें 5 उस स्‍कूल की बसें हैं, जिसके एक बस में आग लगी थी। इस घटना के बाद जब जांच की गई तो पता चला कि इस स्‍कूल की सभी बसें अवैध रूप से चल रही थी। जिसके बाद उन्‍हें सीज कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि जिले में स्कूली विद्यार्थियों को लेने-जानेवाली बसों की संख्या 6 हजार के आसपास है। विभाग द्वारा इन सभी बसों की जांच की जाएगी। जांच के दौरान नियमों की अनदेखी करने वाले स्‍कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।

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