Pune Metro: शहर में बढ़ते ट्रैफिक और आए दिन बार-बार लगने वाले जाम से लोगों को छुटकारा पाने के लिए मेट्रो के दूसरे चरण के काम को गति दिए जाने का मुद्दा इस समय पुणे में गरमाया हुआ है। सांसद बापट ने नियम 377 के तहत इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को बताया कि, हाल के दिनों में तेजी से हो रहे शहरीकरण ने पुणे शहर की यात्रा अवसंरचना को तनाव में डाल दिया है। छोटे, मध्यम और भारी उद्योगों में बढोतरी के चलते शहर में यातायात खतरनाक स्थिति की ओर बढ रहा है।
मेट्रो के पहले चरण का काम लगभग पूरा होने को है और 82.5 किमी के दूसरे चरण के लिए सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है, लेकिन बढ़ते ट्रैफिक के मद्देनजर इसके काम को गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने आवास और शहरी मामलों के मंत्री की ओर रुख करते हुए उनसे अनुरोध किया कि वे दूसरे चरण की सभी परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक रखे जिससे पुणे के लोगों को ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके।
7 मार्च से शुरू हुई मेट्रो सेवा
पुणे मेट्रो के बढ़ते दायरे को देखते हुए पुणे वासियों ने मांग की है कि, केंद्र सरकार दूसरे चरण को तुरंत मंजूरी दे। पहले फेज में शुरू हुई मेट्रो को भी पुणे के लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। लेकिन यह सेवा सीमित है। इसका जल्द से जल्द विस्तार किया जाए, दूसरे चरण का काम जल्दी शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने मांग की है कि, सरकार को इसके लिए अपनी मंजूरी देनी चाहिए। पुणे में मेट्रो सेवा 7 मार्च से शुरू हो गई है। मेट्रो हर आधे घंटे में सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक चलती है।
जल्द पूरा होगा 33.1 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का काम
केंद्र को प्रस्ताव सांसद गिरीश बापट ने जानकारी देते हुए बताया कि, पुणे मेट्रो का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरे चरण के लिए महाराष्ट्र मेट्रो ने सर्वे शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि, मौजूदा 33.1 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। दूसरे चरण के 82.5 किमी के विस्तार के लिए रिपोर्ट की तत्काल आवश्यकता है। इसमें वनज से चांदनी चौक, रामवाड़ी से वाघोली, हडपसर से खराड़ी, स्वारगेट से हडपसर, खडकवासला से स्वारगेट और एसएनडीटी से वारजे और पीसीएमसी से निगडी और स्वारगेट तक शामिल हैं।