Pune News: यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पुणे जिले के भोर को कोंकण क्षेत्र के महाड से जोड़ने वाले वरंधा घाट को 30 सितंबर तक भारी वाहनों के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। इन भारी वाहनों के आवागमन के लिए ताम्हिनी घाट का विकल्प रखा गया है। पुणे जिला परिषद का कहना है कि हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा अहम है। बीते दिनों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए यह निर्णय लिया गया है।
बता दें की बीते दिनों 29 जून को यहां एक पत्थर गिर गया था, जिससे एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसका इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने वरंधा घाट की स्थिति का आकलन करने के लिए घाट सेक्शन का दौरा किया था। जिसके आधार पर इस रास्ते पर कुछ समय के लिए भारी वाहनों के आवागमन पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया।
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने कहा कि पैदल चलने वालों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए घाट पर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया है। तब तक सभी मालवाहक वाहन ताम्हिनी घाट के माध्यम से कोंकण क्षेत्र की यात्रा कर सकते हैं, जो तुलनात्मक रूप से वरंधा घाट से अधिक सुरक्षित है। बता दें कि वरंधा घाट के रास्ते पुणे के भोर और कोंकण के महाड तक आवागमन में कम समय लगता है। इसीलिए भारी वाहन इसी रास्ते को प्राथमिकता देते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि अधिकारियों के अनुसार चूंकि यह क्षेत्र के लिए सबसे छोटा मार्ग है, इसलिए दो जिलों के कई औद्योगिक वाहन घाट खंड का उपयोग करते रहते हैं। वरंधा घाट के रास्ते में संकरी गलियों और अचानक मोड़ के कारण भीड़भाड़ पैदा करने वाले वाहन अक्सर फंस जाते हैं। बता दें कि मानसून के दौरान इस क्षेत्र में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसीलिए वरंधा घाट को 30 सितंबर तक भारी वाहनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है।