Helmet in Pune : पुणे के जिला कलेक्टर डॉ राजेश देशमुख ने लोगों और सरकारी कर्मचारियों को दोपहिया वाहनों पर सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करने के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार, आदेश का पालन नहीं करने वालों पर मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधान के तहत जुर्माना लगाया जायेगा।
आदेश के मुताबिक, करीब 62 फीसदी दुर्घटना पीड़ितों की मौत सिर में चोट लगने से होती है। हेलमेट 80% मामलों में जान बचा सकता है। एमवी अधिनियम की धारा 129 दोपहिया सवारों और चालकों के लिए हेलमेट का उपयोग करना अनिवार्य बनाती है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी इस कानून को बरकरार रखा है।
आज से जारी हुआ नया नियम
1 अप्रैल से सभी सरकारी/अर्धशासकीय कार्यालयों, नगर पालिकाओं, निगमों, स्कूलों, कॉलेजों, जिला परिषद आदि में हेलमेट नियम लागू कर दिया गया है। जिला कलक्टर की ओर से बीते दिन हेलमेट के प्रयोग को लेकर आदेश जारी किया गया था कि, पुणे में आम आदमी के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि जिला कलेक्टर की ओर से स्पष्ट किया गया है कि, अब हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा।
उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
1 अप्रैल से पुणे में दोपहिया वाहन पर यात्रा करते समय हेलमेट अनिवार्यता का प्रशासन ने आदेश दिया था। प्रशासन ने कहा था कि, सरकारी कर्मचारियों, स्कूलों, कॉलेजों और नगर निगमों के लिए सड़कों पर हेलमेट पहनना अनिवार्य है। पुणे के जिला कलेक्टर डॉ. राजेश देशमुख ने यह आदेश दिया। पत्र में यह भी कहा गया है कि, हेलमेट की अनिवार्यता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चालक के हेलमेट न पहनने के चलते होती है मौत
सड़क हादसों में मौत का सबसे बड़ा कारण दोपहिया वाहन हैं। हेलमेट के अभाव में सिर में गंभीर चोट लगने वालों की संख्या अधिक है। एक दुपहिया वाहन चालक के दुर्घटना में मरने की संभावना एक कार चालक की तुलना में सात गुना अधिक होती है। सड़क हादसों में मारे गए लोगों में से 62 फीसदी लोगों की मौत सिर में चोट लगने से हुई। दोपहिया वाहन दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट से बचने की 80 प्रतिशत संभावना होती है। इसके चलते हेलमेट लगाने का फैसला लिया गया।