Urban Development Department: महाराष्ट्र सरकार मुंबई, ठाणे, नागपुर और पुणे शहरों में संपत्ति खरीद पर एक अप्रैल से फिर से मेट्रो उपकर वसूलना शुरू करेगी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियां हटने के बाद अब फिर से उपकर वसूला जाएगा। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव भूषण गगरानी ने बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने मुंबई सहित चार शहरों में संपत्ति खरीद पर एक फीसदी का उप कर लगाने का फैसला फरवरी 2019 में लिया, लेकिन मार्च 2020 में कोविड महामारी के कारण इसके क्रियान्वयन को टाल दिया गया था।
उन्होंने बताया, ‘‘यह कोई नया फैसला नहीं है। हम पुराने फैसले को लागू कर रहे हैं, जिसे महामारी के कारण टाल दिया गया था।’’ उन्होंने कहा कि मेट्रो उपकरण के कारण संपत्ति पंजीकरण पर स्टांप ड्यूटी एक फीसदी बढ़ जाएगा। अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारा लक्ष्य 700 से 800 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व वसूली का है। मार्च, 2020 तक हमें करीब 500 से 550 करोड़ रुपये राजस्व मिला है।’’ मेट्रो उपकर का लक्ष्य इन शहरों में परिवहन परियोजनाओं को बढ़ावा देना है।
घर खरीददारों का बिगड़ेगा बजट
मेट्रो सेस लगाने के निर्णय से घर खरीददारों का बजट बिगड़ेगा। पहले ही महंगाई के वजह से बजट बिगड़ा हुआ है। ऊपर से अब मेट्रो सेस और अधिक जेब ढीली करेगा। इस कारण खरीददार घर खरीद में देरी करेगा। सरकार को स्टाम्प ड्यूटी को कम करने पर विचार करना चाहिए। नागरिकों द्वारा भी इसे स्थगित करने की मांग की है क्योंकि घर खरीदारों को अधिक अग्रिम भुगतान करना होगा। कोरोना काल में घर खरीदारों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2020 से अगले 2 वर्षों के लिए मेट्रो सेस को वापस ले लिया था
संपत्ति खरीदनें पर एक फीसदी तक लग सकता है मेट्रो सेस
आपको बता दें कि महराष्ट्र की सरकार एक अप्रैल 2022 से प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी मेट्रो सेस लगाने की तैयारी में है। जिससे राज्य में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स और दूसरे ट्रांसपोर्टेशन वाले इंफ्रास्ट्राक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाया जा सके। रियल एस्टेट डेलवपर्स बॉडी Credai-MCHI ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और रेवेन्यू मिनिस्टर बालासाहेब थोरट को पत्र लिखकर दो सालों के लिए मेट्रो सेस नहीं लगाने का अनुरोध किया था। दूसरी डेवलपर्स की संस्था NAREDCO ने भी महाराष्ट्र सरकार से टैक्स नहीं लगाने की अपील की है।