Pune street dogs: पुणे महानगर में पिछले कुछ दिनों से आवारा कुत्तों का मामला जोरों पर है। अब ऐसा लग रहा है कि इसी से राजनीति गर्म हो रही है। हालांकि पुणे में कितने आवारा कुत्ते हैं, यह अभी किसी को नहीं पता। लेकिन यह भी उतना ही सच है कि पुणे में रहने वालों को हमेशा इन कुत्तों और उनके कारण होने वाली उथल-पुथल का खामियाजा भुगतना पड़ता है। अब, नगर निगम ने इन आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी (पुणे में आवारा कुत्तों की नसबंदी) करने का फैसला किया है। इसके लिए 3.5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नसबंदी के किए अलग पैसे और छोड़ने के लिए अलग पैसे
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक इस समय पुणे में करीब चार लाख आवारा कुत्ते हैं। अब इससे निपटने के लिए निगम की ओर से किसी न किसी वजह से पांच कंपनियाँ नियुक्त की गई हैं। और निगम की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस कंपनी को एक कुत्ते के न्यूटियरिंग के लिए सोलह सौ रुपये दिए जाएंगे। लेकिन असली मज़ाक यह है कि इन आवारा कुत्तों को पकड़कर और उनका नसबंदी करने के बाद, कंपनी उन्हें उनके मूल स्थान पर वापस छोड़ने के लिए दो सौ रुपये देगी। इस तरह इस कंपनी को एक कुत्ते की पीठ पर सोलह सौ रुपये दिए जाएंगे।
इस योजना पर लगा पैसे बर्बाद करने का आरोप
सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि पुणे में रहने वालों के पैसे को इस तरह से बर्बाद किया जा रहा है, क्योंकि पुणे में आवारा कुत्तों के कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं। पुणे नगर निगम ने इस वर्ष के बजट में आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए 3 करोड़ 60 लाख रुपये आवंटित किए हैं। यह भी उतना ही सच है कि पुणे के लोगों को अभी तक आवारा कुत्तों की समस्या से निजात नहीं मिली है।