Pune Crime News: पुणे में एक पति ने बेहद शर्मनाक हरकत की है। शहर के 38 वर्षीय एक व्यवसायी ने रत्नागिरी जिले के मलेश्वर झरने के नीचे अपनी पत्नी को सार्वजनिक रूप से बिना कपड़ों के नहाने के लिए मजबूर किया है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी व्यवसायी सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि काले जादू की एक रस्म का हिस्सा मानते हुए आरोपी ने अपनी पत्नी को बिना कपड़ों के नहाने के लिए मजबूर किया है।
आरोपी ने यह काम एक साधु के कहने पर किया है। पुलिस ने मुताबिक व्यवसायी संतान पाने के लिए एक साधु के कहे अनुसार इस तरह की रस्में कर रहा था क्योंकि साधु ने उसे आश्वासन दिया था कि झरने के नीचे बिना कपड़ों से नहाने पर उसकी पत्नी बेटे को जन्म देगी। व्यवसायी की पत्नी ने ही अपने पति के खिलाफ रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
भारती विद्यापीठ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और काला जादू अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी व्यवसायी, उसके पिता (64), मां (62) और साधु समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके ससुराल वाले उसे 2013 से दहेज और बच्चे के लिए परेशान कर रहे हैं। पीड़ित महिला के अनुसार उसका पति और उसके माता-पिता उसे कोल्हापुर जिले के जयसिंगपुर में एक साधु के पास ले गए। साधु ने बताया कि महिला पर काले जादू के प्रभाव में है इसलिए एक 'पूजा' करनी होगी। साधु ने अंबेगांव बुद्रुक में अपने घर और इंदापुर तहसील के अकुर्दी, शिरोल और सुरवाड़ गांव में पूजा की।
फिर साधु ने महिला को सार्वजनिक रूप से झरने के नीचे बिना कपड़े के नहाने को कहा और उसे आश्वासन दिया कि इसके बाद उसको एक बेटा होगा। महिला ने शिकायक में आगे आरोप लगाया कि उसके पति ने जाली हस्ताक्षर कर उसकी संपत्ति पर 75 लाख रुपये का कर्ज लिया और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उसके गहने भी छीन लिए। पुलिस ने आईपीसी की धारा 498 ए (पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 406 (आपराधिक विश्वासघात) के साथ महाराष्ट्र मानव बलि और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथाओं और काला जादू अधिनियम, 2013 की रोकथाम और उन्मूलन की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है।