Pune News: पुणे के किसानों को कुछ समय के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पुणे शहर और आसपास के परिसर में वाटर सप्लाई करने वाले प्रमुख डैमों में चार टीएमसी यानी 14% ही पानी शेष बचे होने की जानकारी मिली है। ऐसे में जल संसाधन विभाग ने 20 जून के बाद मुठा उजवा डैम से खेती के लिए पानी छोड़ना बंद करने का फैसला लिया है।
इसके बाद केवल पीने के लिए पानी को आरक्षित रखा जाएगा। 15 जुलाई तक कम से कम एक टीएमसी वाटर स्टॉक शेष रखने की योजना बनाई जा रही है। किसानों के लिए ये चिंताजनक बात भी हो सकती है। क्योंकि खेती के लिए धान की फसल का बीज तैयारी में है। ऐसे में किसानों की मानसून पर निर्भरता अधिक रहेगी।
ऐसे में 15 जुलाई तक बारिश के पानी से धान की खेती संभव हो सकेगी। हालांकि फिर भी धान के बीज तैयार करने के लिए पानी की आवश्कता तो पड़ेगी ही। मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल खड़कवासला, पानशेत और वरसगांव डैम में करीब 4 टीएमसी यानी 14 प्रतिशत पानी का स्टॉक बचा है। खड़कवासला डैम में 0.44 टीएमसी, पानशेत डैम में 1.74 टीएमसी और वरसगांव डैम में 1.89 टीएमसी वाटर स्टॉक शेष बचा है। टेमघर डैम को मरम्मत करने के लिए खाली किया गया है। पिछले वर्ष इस समय तक 6.61 टीएमसी यानी करीब 23 फीसदी वाटर स्टॉक डैम के पास था। लेकिन इस बार स्थिति चिंताजनक है।
जानकारी के लिए बता दें फिलहाल खेती के लिए मुठा उजवा नहर से पानी छोड़ा जा रहा था। 20 जून तक नहर से पानी छोड़ा भी जाएगा। इसके बाद केवल पीने के लिए पानी को आरक्षित रखने की तैयारी है। खड़कवासला जल सिंचाई विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर विजय पाटिल ने बताया कि खेती के लिए नहर से पानी छोड़ा जा रहा है। 17 जून के बाद पानी छोड़ना बंद किया जाना था, लेकिन बारिश की वजह से बांध में कुछ पानी आया और नहर से दो दिन अधिक पानी छोड़ा जाएगा। 20 जून के बाद पानी छोड़ना पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।