Rabdi Recipe: दिलकश नजारों ही नहीं, रबड़ी के लिए भी मशहूर है माउंट आबू- रेसिपी जान रह जाएंगे हैरान

Rabdi Recipe in Hindi: राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंटआबू में सैलानियों को रबड़ी खूब भाती है। आइए जानते है कि रबड़ी को बनाने की आखिर रेसिपी है क्या।

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माउंटआबू में रबड़ी का लजीज जायके का स्वाद सैलानियों को खूब भाता है 

नई दिल्ली:  रबड़ी एक मजेदार मीठा पकवान है जिसका जायगा उत्तर भारत में काफी पॉपुलर है। इस जायके के दीवानों की कमी नहीं है। मीठे पकवान की बात करें तो खीर और रबड़ी खुद को स्वाद के मामले में शीर्ष पर ला खड़े करते हैं। राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू में रबड़ी के जायके का जवाब नहीं जो सैलानियों को खूब भाती है। यहां की लजीज रबड़ी के दीवानों की कमी नहीं है।

आइए आज हम रबड़ी के इस जायकेदार पकवान के सफर पर चलते है और जानते हैं कि आखिर रबड़ी का जायका सैलानियों को को इतना क्यों भाता है और जिस रबड़ी को खाने में सिर्फ मिनटों लगते है उसे बनाने में आखिर कितना घंटा लगता है। लोग मिठास से भरी इस रबड़ी को खाना नहीं भूलते क्योंकि यहां के रबड़ी का स्वाद यकीनन अनोखा है।  माउंट आबू के पंडित जी रबड़ी वाले दुकान पर हम जा पहुंचे। जो यहां की मशहूर दुकान है। हमने उनसे बातचीत की और विस्तार से उन्होंने रबड़ी के बनाने की विधि के बारे में बताया।  

कैसे बनाई जाती है रबड़ी?

रबड़ी एक मीठा व्यंजन है और मुख्य रुप से यह दूध पर आधारित पकवान है जिसमें सबसे ज्यादा दूध का इस्तेमाल होता है। सबसे पहले इसे बनाने के लिए दूध को उबालकर गाढ़ा किया जाता है। फिर उसके बाद जो मलाई की परत जमती है उसे अलग किया जाता है। हमने इस बारे में माउंटआबू के पंडित जी रबड़ी वाले दुकान के मालिक अभय भारद्वाज से बात की। उन्होंने बताया कि रबड़ी बनाना धैर्य का काम होता है। इसके बनाने में पांच घंटे लगते है। तब जाकर रबड़ी तैयार हो पाती है। 

पूरी तरह पकने के बाद रह जाता है लगभग आधा दूध 

अभय के मुताबिक 10 किलो दूध में आधा ग्राम केसर डाली जाती है। फिर 10 ग्राम इलायची डाली जाती है। उसे अच्छी तरह पकाया जाता है। अभय के मुताबिक कड़ाही बड़ी और चौड़ी होनी चाहिए ताकि रबड़ी अच्छी तरह से पक सके। इस मिश्रण के पकने की प्रक्रिया के दौरान कड़ाही के दोनों तरफ 2 इंच जगह छोड़ी जाती है ताकि रबड़ी के पकने और मलाई को चिपकाने की प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। धीरे धीरे जो मलाई जमती है उसे खाली जगह पर चिपकाया जाता है। 10 किलो दूध जब लगभग 6 किलो रह जाता है तब उसमें चिरौंजी डाली जाती है। 

फिर जब यह मिश्रण पूरी तरह से ठंडा हो जाता है तब इसमें शक्कर डाली जाती है। एक तरफ रबड़ी के लच्छे बिछाए जाते हैं और 5 घंटे बाद यह बनकर तैयार हो जाती है। मलाई से रबड़ी का लच्छा सूखने के बाद निकाला जाता है।  10 किलो दूध में सामान्य मीठा अगर चाहिए तो 1 किलो चीनी काफी होती है लेकिन अगर मीठा थोड़ा ज्यादा करना है तो डेढ़ किलो चीनी डाली जाती है। लच्छा सूखने के बाद उसे दूध में मिक्स किया जाता है। अब रबड़ी तैयार है जिसे बाद में केसर,चॉकलेट ,ड्राई फ्रूट के फ्लेवर में भी तैयार किया जा सकता है। 


   

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