Bank PO and Clerk: भारत में बैंकिंग सेक्टर जॉब के लिए युवाओं के बीच सबसे पसंदीदा सेक्टर्स में से एक है। बैंक सरकारी हो या फिर प्राइवेट दोनों ही जगह जॉब पाने के लिए युवा प्रयासरत रहते हैं। बैंकों में जॉब के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार कई बैंकों की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेते हैं। बैंकों की ओर से दो तरह की भर्ती निकाली जाती है, एक क्लर्क और दूसरा बैंक पीओ। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि दोनों में क्या अंतर है और किस जॉब में अधिक फायदा है।
जानें बैंक क्लर्क और पीओ को
बंक क्लर्क मुख्य रूप से नगद रुपये जमा करने, नगद रुपये निकालने, चेक जमान करने, पासबुक की एंट्री करने जैसे काम करता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि एक क्लर्क बैंक का बैक बोन होता है। वहीं पीओ यानी प्रोबसनरी ऑफिसर एक अधिकारी के रूप में बैंक में अपना कार्य शुरू करता हैं और 2 वर्ष के परिवीक्षा अवधि के बाद अधिकारी नियुक्त होते हैं। इन्हें प्रतिदिन कुछ अहम फैसले लेने होते है, जैसे किसे लोन देना है, किसे नहीं। कौन बैंक करप्ट हो गया है, किसका खाता बंद करना है और किसकी जांच करनी है आदि।
जाने बैंक क्लर्क और पीओ की नियुक्ति प्रक्रिया
भारत में इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन प्रतिवर्ष बैंकों में क्लर्क एवं अधिकारी की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकालता हैं। इस परीक्षा में प्री एवं मेन लेवल की दो परीक्षाएं और इंटरव्यू एवं ग्रुप डिस्कशन होता है। इस क्लीयर करने के बाद दोनों पदों पर जॉब मिलती है। दोनों पदों पर परीक्षा प्रक्रिया एक समान है, लेकिन परीक्षा की कठिनाई लेवल अलग होती है।
दोनों पदों के लिए शैक्षणिक एवं अन्य योग्यता
दोनों पदों के लिए किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना जरूरी है, लेकिन पीओ के लिए आवेदन करने के लिए आपको ग्रेजुएशन में 60% अंक होना अनिवार्य है। इसके आलावा आप जिस राज्य से परीक्षा दे रहें हैं, आपको वहां के लोकल भाषा के साथ कम्प्यूटर का भी अच्छा ज्ञान होना जरूरी है। क्लर्क पद पर आवेदन के लिए उमीदवार की उम्र 20-28 वर्ष और पीओ के लिए 20 से 30 वर्ष होना चाहिए। दोनों ही पदों पर सरकारी नियमानुसार आरक्षित वर्ग को उम्र में छूट मिलती है।
दोनों को मिलने वाला वेतन
अगर कोई युवा एक बैंक क्लर्क के रूप में जॉब शुरु करता है तो उसे शुरुआती लेवल पर 35,000 बेसिक वेतन एवं अन्य भत्ते मिलेंगे। वहीं कोई युवा अगर पीओ के रूप में सलेक्टहोता है तो उसे शुरुआती वेतन करीब 50,000 से 70,000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा इन्हें कई तरह की अन्य सुविधाएं व भत्ते भी मिलेंगे।
बैंकिंग में करियर एवं प्रमोशन
क्लर्क के रूप में करियर शुरू करने पर 5 वर्ष में व्यक्ति पदोन्नति के लिए योग्य माना जाता है। हालांकि कुछ ऐसी परीक्षाएं जैसे जेएआईआईबी सीएआईआईबी देकर भी कोई क्लर्क 2 से 3 वर्ष में प्रमोट हो सकता है। इसके बाद गवर्नमेंट आपको आपके कार्य एवं अनुभव के आधार पर किसी बैंक का ईडी या सीएमडी बना सकती है। वहीं एक पीओ की पदोन्नति प्रक्रिया भी यही रहती है बस अंतर इतना होता है कि वे क्लर्क से दो कदम आगे से अपने करियर की शुरुआत करते हैं और जीएम और सीएमडी लेवल तक पहुंचत हैं। हालांकि दोनों की आखिरी मंजिल एक ही होती है। मतलब क्लर्क और पीओ दोनों जीएम और सीएमडी पोस्ट तक पहुंच सकते हैं।