न्यूयॉर्क : शोधकर्ताओं का मानना है कि गणित के सवालों को हल करने में लड़के और लड़कियों दोनों का दिमाग समान रुप से काम करता है। इसी अध्ययन के लिए कार्निज मेलन यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने युवा लड़के और लड़कियों के दिमाग की जांच करने के लिए एक एक्सपेरिमेंट किया।
ब्रेन इमेजिंग एक्सपेरिमेंट के दौरान पाया गया कि लड़के और लड़कियों में मैथ का सवाल करने के लिए कोई लिंग भेद काम नहीं करता है। स्टडी रिसर्चर जेसिका ने बताया कि बच्चों का दिमाग उनके जेंडर के अनुरुप काम नहीं करता है। इस पर अध्ययन करने के लिए रिसर्चर की टीम ने युवा छात्रों में मैथ के सवालों को हल करने के दौरान के बायोलॉजिकल जेंडर डिफरेंस का पता लगाने के लिए एक्सपेरिमेंट किया।
उनकी टीम ने 3 से 10 साल तक के 104 बच्चों को अपने एक्सपेरिमेंट में लिया। इनमें 55 लड़कियां थी। उन्हें शुरुआत में काउंटिंग (गणना) और एडिशन (जोड़) की कुछ लर्निंग वीडियो दिखाई गई। शोधकर्ताओं ने इस दौरान लड़के और लड़कियों के दिमाग का स्कैन किया।
कई सारे टॉपिक्स पर उनके दिमागों का अध्ययन करने पर उन्हें लड़के-लड़कियों में किसी प्रकार का अंतर नहीं दिखा। एडिशन (जोड़) में शोधकर्ताओं ने लड़के-लड़कियों के दिमागी प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं पाया। उसी प्रकार एडल्ट ग्रुप (वयस्कों) में पुरुष और महिलाओं में यही एक्सपेरिमेंट किया गया लेकिन उनमें भी दिमागी स्तर पर किसी प्रकार का अंतर नहीं पाया गया।
शोधकर्ताओं ने अंत में यंग लड़कियों और एडल्ट लड़कों के साथ इसी तरह का एक्सपेरिमेंट किया और इस बार भी उन्हें कोई अंतर नजर नहीं आया। इस प्रकार इस शोध से ये बात साफ हो गई कि बच्चों में गणित को हल करने की दिमागी क्षमता में जेंडर और आयु की कोई भूमिका नहीं होती है।