Spacecrafts on Mars : मंगल ग्रह पर इस हफ्ते से उतरेंगे कई देशों के अंतरिक्षयान

साइंस
भाषा
Updated Jul 13, 2020 | 20:10 IST

Spacecrafts on Mars : तीन देश-अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात इस हफ्ते से शुरू हो रहे सिलसिले में मानवरहित अंतरिक्षयानों को लाल ग्रह पर भेजना शुरू करेंगे। 

Spacecraft of many countries will start landing on Mars from this week 
मंगल ग्रह पर इस हफ्ते से उतरेंगे कई देशों के अंतरिक्षयान  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • मंगल पर जल्द ही पृथ्वी ग्रह से कई अंतरिक्ष विमान उतरने जा रहे हैं
  • कोरोना वायरस प्रकोप के बीच यान को भेजे जाने की तैयारियां जारी हैं
  • इसके प्रक्षेपण को इस बार बहुत लोग नहीं देख सकेंगे

केप केनवरल : मंगल पर जल्द ही पृथ्वी ग्रह से कई अंतरिक्ष विमान उतरने जा रहे हैं। तीन देश-अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात इस हफ्ते से शुरू हो रहे सिलसिले में मानवरहित अंतरिक्षयानों को लाल ग्रह पर भेजना शुरू करेंगे। अब तक के सबसे व्यापक प्रयास में सूक्ष्मजीवों के जीवन के निशान तलाशने और भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी। अमेरिका अपनी तरफ से, कार के आकार का छह पहियों वाला रोवर भेजने वाला है जिसका नाम ‘पर्सवीरन्स’ है जो ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाएगा जिनका कि अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा।

नासा प्रशासक जिम ब्रिडेन्स्टाइन ने कहा कि अब यह नाम पहले से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। कोरोना वायरस प्रकोप के बीच इस यान को भेजे जाने की तैयारियां जारी हैं हालांकि इसके प्रक्षेपण को इस बार बहुत लोग नहीं देख सकेंगे। प्रत्येक अंतरिक्षयान को अगले फरवरी में मंगल तक पहुंचने से पहले 48.30 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी होगी। एक अंतरिक्षयान को धरती की कक्षा के पार और सूर्य के इर्द गिर्द मंगल की सबसे दूर कक्षा तक पहुंचने के लिए 06 से 07 माह का समय लगता है।

वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि अरबों वर्ष पहले मंगल ग्रह कैसा था जब वहां नदियां, झरने और महासागर हुआ करते थे जिनमें सूक्ष्म जीव रहते थे। यह ग्रह अब बंजर, मरुस्थल के रूप में तब्दील हो गया है। मंगल ग्रह पर पहुंचना वैज्ञानिकों की सबसे खूबसूरत कल्पनाओं में शुमार रहा है लेकिन कई मिशन वहां पहुंचने से पहले नाकाम हो चुके हैं और 50% से ज्यादा मिशन विफल रहे हैं।

केवल अमेरिका मंगल तक अपना अंतरिक्षयान सफलतापूर्व पहुंचा पाया है। वह 1976 में वाइकिंग्स से शुरुआत करके आठ बार ऐसा कर चुका है। नासा के इनसाइट और क्यूरियोसिटी इस समय मंगल पर हैं। छह अन्य अंतरिक्ष यान केंद्र से ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं । इनमें से तीन अमेरिका, दो यूरोप और एक भारत का है।

संयुक्त अरब अमीरात और चीन भी इसमें शामिल होना चाहते हैं। यूएई का अंतरिक्षयान ‘अमल’ बुधवार को जापान से उड़ान भरेगा। इसके बाद चीन का नंबर होगा जो एक रोवर और ऑर्बिटर को 23 जुलाई के आस-पास मंगल पर भेजेगा। मिशन का नाम तियानवेन है।

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