Summer Solstice:21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन, इसदिन 'साया' भी छोड़ देगा आपका साथ, जानिए क्या है ये?

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प्रदीप कुमार तिवारी
प्रदीप कुमार तिवारी | सीनियर रिपोर्टर
Updated Jun 18, 2020 | 13:52 IST

Summer Solstice 2020: 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन सूर्यग्रहण भी है। आइए जानते है कि आखिर यह बदलाव कैसे होता है।

Summer Solstice
21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर कर्क रेखा में आ जाता है।,(तस्वीर के लिए साभार- NCERT) 
मुख्य बातें
  • 21 जून इतना लंबा होता है कि दिन का समय जल्दी नहीं कटता
  • 21 जून को है सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण
  • 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर कर्क रेखा में आ जाता है

नई दिल्ली: कहते हैं कि इंसान का साया उसका साथ कभी नहीं छोड़ता है। लेकिन 21 जून यानि रविवार को ऐसा ही कुछ होगा कि आपको ये कहावत झूठी लगेगी। दरअसल, 21 जून इतना लंबा होता है कि दिन का समय जल्दी नहीं कटता। इस दिन को ग्रीष्ण अयनांत  (Summer Solstice) कहा जाता है। इस दिन कुछ समय के लिए आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है।

क्यों बड़ा होता है 21 जून का दिन

बाकि दिनों में पृथ्वी की प्रक्रिया सामान्य होती है। धरती सूर्य का चक्कर लगाने के लिए अपने अक्ष पर भी घूमती है। वह अपने अक्ष पर 23.44 डिग्री झुकी हुई है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन-रात की अवधि में अंतर आता है। 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर कर्क रेखा में आ जाता है। इसी कारण सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं। दोपहर को सूर्य काफी ऊंचाई पर आ जाता है इसलिए 21 जून का दिन लंबा होता है।

परछाईं भी हो जाती है गायब
जब सूर्य कर्क रेखा के ऊपर होता है तो एक पल ऐसा भी आता है कि जब परछाईं भी साथ छोड़ देती है। इस दिन सूर्य की किरणें करीब 15 से 16 घंटे धरती पर पड़ती हैं। इसी दिन दक्षिणी गोलार्ध में ठीक उल्टा होता है। जहां, उत्तरी गोलार्ध  में रह रहे लोगों के लिए 21 जून को गर्मी की शुरुआत कहा जाता है, वहीं, दक्षिणी गोलार्ध के लोगों के लिए सर्दी की शुरुआत मानी जाती है।

1975 में 22 जून साल का सबसे बड़ा दिन था

हालांकि ऐसा नहीं है कि 21 जून को ही सबसे बड़ा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून भी बड़ा दिन होता है। 1975 में 22 जून साल का सबसे बड़ा दिन था। अब ये मौका 2203 में आएगा। पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाती है। इसलिए मार्च और सितंबर के बीच उत्तरी गोलार्ध सूर्य के संपर्क में ज्यादा रहता है। उत्तरी गोलार्ध पर आमतौर पर 20,21 और 22 जून को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसी तरह दक्षिण गोलार्ध पर 21, 22 और 23 दिसंबर को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है।

21 जून को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

गौरतलब है कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वजह से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी क्योंकि यह साल का सबसे बड़ा दिन होता है।  इस दिन को कई देशों में उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है। स्वीडन में महिलाएं फूल के हार पहनती हैं। जर्मनी के लोग सूर्य देवता को सम्मान देते हैं। इंग्लैंड में विशेष प्रकार की ड्रेस पहन कर सूर्य के दर्शन किए जाते हैं।
 

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