नई दिल्ली: देश के कुछ हिस्सों में आज वलयाकार सूर्यग्रहण जिसे लोकप्रिय रूप से रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है दिखाई दिया। इस वर्ष का यह पहला सूर्य ग्रहण था जो ग्रीष्म संक्रांति पर लगा था और यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन भी है। ग्रहण का आंशिक रूप सुबह 9.16 बजे शुरू हुआ और वलयाकार रूप सुबह 10.19 बजे शुरू हुआ। ग्रहण दोपहर 2.02 बजे समाप्त हो गया है।
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नेपाल में कुछ ऐसा नजर आया चांद
नेपाल के काठमांडू से भी चांद हल्का लाल नजर आया है। नेपाल के बीपी कोइराला स्मारक, तारामंडल वेधशाला और विज्ञान संग्रहालय विकास बोर्ड के अनुसार सूर्य ग्रहण आज सुबह 10:52 बजे से दोपहर 2:32 बजे तक दिखाई देगा। ग्रहण के समय पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी ग्रहण के प्रकार को निर्धारित कर सकती है।
तमाम हिस्सों से आ रही हैं अलग-अलग तस्वीरें
देश तथा के तमाम हिस्सों से सूर्यग्रहण की अलग-अलग तस्वीरें आ रही हैं। सूर्यग्रहण को देखने के लिए धूप के चश्में, काले चश्में, एक्स-रे शीट या शीशे के ऊपर लैंप की काली स्याही का उपयोग न करें। ये सुरक्षित नहीं हैं। पानी की सतह पर भी सूर्य की छवि को न देखें।
Surya Grahan Photos उत्तराखंड से सामने आई तस्वीर
सूर्य ग्रहण की शुरुआत में, सूर्य का एक कटे हुए सेब की तरह से विशिष्ट दृश्यावलोकन से हुई है। इसमें सूर्य का एक छोटा सा हिस्सा चंद्रमा की छाया से ढका हुआ है। इसके बाद, चंद्रमा की छाया धीरे-धीरे और लगातार सूर्य के और बड़े हिस्से को ढकती जा रही है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं।
चंद्रमा की पूर्ण छाया
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ती है। चंद्रमा द्वारा सूर्य को थोड़े समय के लिए पूरी तरह से ढक लिया जाता है। जो स्थान चंद्रमा की पूर्ण छाया से ढक जाते हैं, वहां पूर्ण सूर्य ग्रहण का दिखाई देता हैं। चंद्रमा की छाया से पूरी तरह से न ढकने वाले क्षेत्रों में आंशिक ग्रहण दिखाई देता है। गुजरात से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं।
दिल्ली से आई तस्वीर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सूर्यग्रहण की तस्वीर सामने आई है। सूर्य ग्रहण दोपहर 3:04 बजे तक दिखाई देगा। यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका, प्रशांत, हिंद महासागर, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।
मध्य प्रदेश में मंदिर हुए बंद
देश के विभिन्न हिस्सों सहित मध्य प्रदेश में भी मंदिरों के द्वार बंद हो गए हैं। सूर्य ग्रहण की वजह से सुबह सवा नौ बजे से लेकर दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक ग्रहण खत्म होने के बाद ये मंदिर फिर से खुलेंगे।
अलग-अलग समय
सूर्य ग्रहण विभिन्न शहरों में अलग-अलग समय पर दिखाई देगा। नीचे ट्वीट में जो चार्ट दिया गया है उसके अनुसार आप देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर सूर्यग्रहण देख सकते हैं।
लाइव प्रसारण की व्यवस्था
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एआरआईईएस या एरीज) इसका लाइव प्रसारण कर रहा है। ज़ूम, यूट्यूब और फेसबुक के जरिए सूर्य ग्रहण के सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई है। फेसबुक पर आप इस लिंक को क्लिक कर देख सकते हैं:
https://www.facebook.com/aries.nainital263002/live । वहीं यूट्यूब पर भी आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं: https://www.youtube.com/channel/UCG2LKvORv_L2vBL4uCuojnQ
क्या करें:
क्या न करें:
2031 में होगा इस तरह का अगला सूर्य ग्रहण
अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में अगले दशक में दिखाई देगा, जो 21 मई 2031 को होगा, जबकि 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जाएगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहणों में सबसे दुर्लभ है। भले ही हर महीने अमावस्या आती हो, लेकिन हम ग्रहण को इतनी बार नहीं देख पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी-सूर्य प्लेन के लिहाज से चंद्रमा की कक्षा लगभग 5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है।