नई दिल्ली: शोधकर्ताओं ने हाल ही में सबसे बड़े सौर दूरबीन - डैनियल के. इनौय सोलर टेलीस्कोप (DKIST) का इस्तेमाल करते हुए सूरज की सतह का ऐसा नजारा जारी किया है जो अब से पहले कभी भी नहीं देखा गया है। तस्वीर 29 जनवरी, 2020 को जारी की गई है, जिसमें सेल जैसी संरचनाओं का एक दृश्य नजर आ रहा है जो सूर्य की सतह से बाहर निकल रहे हैं। इसमें सूरज का चुंबकीय असर भी दिखाई दे रहा है।
टेलीस्कोप का संचालन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि सूरज के कोरोना (सूरज की ऊर्जा से प्रभावित आसपास का क्षेत्र) के अंदर सूरज की सतह पर चुंबकीय क्षेत्रों के मानचित्रण किया गया जो जमीन पर मौजूद टेलीस्कोप की शक्ति को दिखाता है। इसकी मदद से यह समझने की कोशिश की जा रही है कि सौर विस्फोट पृथ्वी पर जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं।
सूरज की चुंबकीय गतिविधियां हवाई यात्रा को बाधित कर सकती हैं, ब्लैकआउट की ओर ले जा सकती हैं और नेविगेशन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जीपीएस जैसी तकनीकों को निष्क्रिय कर सकती हैं।
एक शोधकर्ता प्रोफेसर जेफ कुह्न ने कहा, 'यह वास्तव में मानवता के लिए गैलीलियो के समय से जमीन से सूर्य का अध्ययन करने की दिशा में सबसे बड़ी छलांग है।' नीचे आप अपनी स्क्रीन पर सूर्य की सतह पर नजर आया नजारा देख सकते हैं। इस आधिकारिक वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा गया, 'NSF के इनौय सोलर टेलीस्कोप ने सूर्य की सतह के अभूतपूर्व करीबी नजारे को देखा है। यह सूर्य के कोरोना को मापेगा - और साथ ही इस अध्ययन के लिए अब पूर्ण सूर्य ग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी।'
आईएफए वैज्ञानिकों की एक टीम ने दो जटिल उपकरण बनाए हैं जो वैज्ञानिकों को सूर्य और सौर तूफानों की चुंबकीय गतिविधि की भविष्यवाणी करने में मदद करेंगे। इनमें से पहले उपकरण को क्रायोजेनिक नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोपोलिमीटर (क्रायोएनआरएसपी) के तौर पर जाना जाता है। जो लगभग 2 टन वजन का है जिसे सौर डिस्क से परेय सूर्य के चुंबकत्व मापा जाता है।
दूसरा उपकरण - डिफ्रेक्शन लिमिटेड नियर आईआर स्पेक्ट्रोफिलामीटर (DL-NIRSP) है जो DKIST को सूर्य के चुंबकत्व क्षेत्रों के विकास को अत्यधिक विस्तार और करीब से देखने में मदद करता है।