रामभक्तों के लिए आज का दिन सच में बड़ा विशेष है। राम नगरी अयोध्या में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। लंबे अरसे से हर राम भक्त को इस दिन का इंतजार था। राम नगरी में भगवान राम का ही मंदिर नहीं, राम भक्तों के भीतर ये टीस बहुत दिनों से थी। राम मंदिर के निर्माण में भूमि पूजन से संबंधित हर एक बात को जानिए सरल तरीके से।
क्यों करते हैं भूमि पूजन
किसी भी तरह के निर्माण कार्य से पहले भूमि की विधिवत पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धरा की पूजा-अर्चना करने से भूमि से संबंधित सारे दोष-पाप मिट जाते हैं। धरा को शीश झुकाए बिना हिंदू धर्म में किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जाता। भवन, मंदिर आदि के निर्माण में किसी भी तरह की कोई बाधा न आए, इसलिए भूमि पूजन किया जाता है। हाथ जोड़कर धरती मां से हर तरह के दोषों से मुक्ति दिलाने की बात की जाती है।
भूमि पूजन की विधि
भूमि पूजन में लगने वाली सामग्री
भूमि पूजन में कई तरह की सामग्रियों का मिश्रण होता है। गंगाजल, आम के पत्ते, पान के पत्ते पुष्प, रोली, चावल, कलावा, लाल सूती कपड़ा, देशी घी, कलश, फल, दूर्वा यानी घास, लौंग, सुपारी, धूपबत्ती, अगरबत्ती, हल्दी, इलायची समेत और भी वस्तुओं को पूजा के लिए लिया जाता है।
क्यों चुना गया अभिजीत मुहूर्त ?
राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त को विशेष तौर पर चुना गया है। ये वही समय है जब भगवान् राम का जन्म हुआ था। इसीलिए विशेष तौर पर इस समय को भूमि पूजन के लिए चुना गया है। भूमि पूजन का आरंभ धनिष्ठा नक्षत्र में और समापन शतभिषा नक्षत्र में होगा।
राम लला के मंदिर का निर्माण कार्य आज से शुरू होगा। अयोध्या में कल से दीप जल रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भगवान् राम वनवास से लौट रहे हैं।
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