Chanakya ke safalta sootra: चाणक्य नीति के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती से शिक्षा का आशीर्वाद चाहिए तो कुछ जरूरी काम करने होते हैं। आचार्य चाणक्य ने हर समस्या के समाधान के लिए ज्ञान दिया है और उस पर अमल किया जाए तो हर काम सिद्ध हो सकता है। शिक्षा, करियर में सफल होने के लिए भी आचार्य चाणक्य ने मार्ग बताया है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, ज्ञान प्राप्ति के लिए किसी भी प्रिय या बहुमूल्य वस्तु का त्याग करना पड़े तो तैयार रहना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार अनुशासन से ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। शिक्षा और ज्ञान अर्जित करने में अनुशासन का खासा महत्व है। कठोर अनुशासन से ही मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो लोग आलस करते हैं, उन्हें शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
अनुशासन के साथ साथ ज्ञान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए संगत काफी अहम होती है। चाणक्य के अनुसार युवाओं को बुरी संगत से दूर रहना चाहिए। बुरी संगत होगी तो वह ज्ञान प्राप्ति में बाधा पैदा करेगी। शिक्षा में बाधा लाएगी। इसलिए शिक्षा के प्रति समर्पण का भाव रखें तभी जाकर आप कुछ हासिल कर पाएंगे।
चुंकि चाणक्य स्वयं आचार्य थे और योग्य थे, इसलिए वह भलीभांति जानते थे कि ज्ञान का महत्व क्या है। ज्ञानी व्यक्ति को ही समाज में सम्मान मिलता है और उच्च पद मिलता है। देवी सरस्वती जी का आशीर्वाद मिलने से जीवन का अंधकार मिट जाता है। वह कहते थे कि शिक्षा युवाओं के लिए ऐसा माध्यम है, जिसके सहारे वे हर लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
एक सबसे जरूरी बात जो आचार्य चाणक्य ने कही, ज्ञान और शिक्षा के महत्व को समझने वाले व्यक्ति के लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं होता। ऐसे व्यक्ति हर लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं और वो भी बड़ी ही सहजता से। जिसके पास ज्ञान है, उसके लिए सीमाओं का भी बंधन नहीं रहता है।
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